सोनभद्र। उत्तर प्रदेश में सोनभद्र के घोरावल क्षेत्र में सोसायटी की विवादित जमीन के कब्जे के लिए बुधवार को हुई गोलीबारी में तीन महिलाओं समेत नौ लोगों की मृत्यु हो गई जबकि 23 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।
पुलिस ने इस सिलसिले में अब तक दस लोगों को गिरफ्तार किया है। घायलाें में सात की हालत गंभीर होने पर उन्हे वाराणसी रेफर कर दिया गया है। तनाव को देखते हुए मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर गंभीर रूख अपनाते हुए 24 घंटे के अंदर प्रभावी कार्रवाई कर रिपोर्ट साझा करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने मृतकों के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए वारदात में घायल लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। उन्होंने पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह को व्यक्तिगत रूप से मामले की निगरानी करने और दोषियों को पकड़ने के लिए बहुत प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया है। इस मामले में मीरजापुर के कमिश्नर और एडीजी जोन वाराणसी को जांच का जिम्मा सौंपा गया है।
अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) बृज भूषण शुक्ला ने बताया कि क्षेत्र की मूर्तियाँ ग्रांम पंचायत के ऊम्भा गांव में सोसायटी की विवादित जमीन पर अनुसूचित जन जाति के लोग खेती करते थे। वह लोग खेत पर धान रोपाई का काम कर रहे थे कि इस बीच मुर्तीया ग्राम पंचायत के प्रधान यगदत भुर्तीया कई ट्रैक्टरों से लाव लश्कर के साथ मौके पर पहुंचे और उन्हे जमीन खाली करने को कहा। भुर्तीया ने कहा कि यह जमीन हमारी है। आप लोग यहा खेती मत करिये।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि बातचीत के दौरान आदिवासियों और प्रधान समर्थकों के बीच मारपीट शुरू हो गई। इस बीच प्रधान के गुर्गो ने कई असलहो से अंधाधुंध फायर करना शुरू कर दिया जिससे मौके पर दर्जनों लोग गोली का शिकार हो गए।
सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक सलमान ताज पाटिल दल बल के साथ मौके पर पहुंच गए और सभी घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घोरावल भेजवाया जहां डाक्टर ने तीन महिला समेत नौ लोगों को मृत घोषित कर दिया और बाकी लोगों का प्राथमिक इलाज कर जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। जिला अस्पताल के डाक्टरों ने गंभीर रूप से घायल सात लोगों को ट्रामा सेन्टर वाराणसी के लिए रेफर कर दिया।
शुक्ला ने बताया कि मृतकों में रामचन्द्र (50), राजेश (35), अशोक (35), रामघारी (60), दुर्गावती (55), सुखंवती (40), राम सुन्दर (50), जवाहीर (48) और एक करीब 45 वर्षीय अज्ञात शामिल है।
जिलाधिकारी अंकित अग्रवाल ने बताया कि भूमि विवाद को लेकर यह घटना हुई है। कुछ लोग जमीन जोतने गए थे, जिसे दूसरे पक्ष में रोकने का प्रयास किया जिसके बाद गोलीबारी हुई।
डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि इस मामले में ग्राम प्रधान के भांजे गणेश और एक अन्य को गिरफ्तार किया जा चुका है जबकि प्रधान अभी फरार है।
उन्होंने बताया कि ग्राम प्रधान ने किसी आईएएस से यह जमीन खरीदी थी, जिस पर ग्रामीणों का कब्ज़ा था। आज जब जमीन पर एक पक्ष जोतने गया तो ग्राम प्रधान से उनकी झड़प हुई जिसके बाद संघर्ष हुआ और ग्राम प्रधान की तरफ से गोलियां चलाई गई। मामले की जांच की जा रही है और किसी भी आरोपी को बख्शा नही जाएगा।