सोनीपत। हरियाणा में सोनीपत की स्पेशल टास्क फोर्स की टीम ने मोस्ट वांटेड राजू बसौदी को फर्जी पासपोर्ट बनाकर विदेश भागने में मदद करने वाले गैंग के सदस्य पंजाब पुलिस के हेड कांस्टेबल को गिरफ्तार कर लिया है।
स्पेशल टास्क फोर्स के प्रभारी सतीश देशवाल ने बुधवार को बताया कि मोस्ट वांटेड गांव बसौदी निवासी राजकुमार उर्फ राजू बसौदी वर्ष 2019 में विदेश भाग गया था, जबकि उसके पासपोर्ट को पहले ही जब्त कर लिया गया था।
बाद में जांच में सामने आया था कि वह फर्जी पासपोर्ट पर विदेश भाग गया है। एसटीएफ ने फर्जी पासपोर्ट का मामला भी दर्ज कर लिया था। फरवरी, 2020 में राजू बसौदी को थाईलैंड के बैंकाक से काबू किया गया था। उसने बताया था कि फर्जी पासपोर्ट पंजाब के जीरकपुर से बनवाया था।
फर्जी पासपोर्ट में राजू बसौदी को सरदार गुरवीर सिंह, निवासी गुलमोहर अपार्टमेंट, जीरकपुर, पंजाब दर्शाया गया था। जांच में पाया गया कि इस नाम और पते पर वह मकान ही नहीं है। इसका सत्यापन हेड कांस्टेबल राजेंद्र ने किया था। इसके लिए हेड कांस्टेबल राजेंद्र ने राजू बसौदी से पांच लाख रुपए लिए थे।
जिस पर पंजाब के जीरकपुर थाने के हेड कांस्टेबल राजेंद्र को इस मामले में एसटीएफ ने पंजाब से गिरफ्तार कर लिया। पंजाब के बठिंडा के गुरु अर्जुन देव नगर निवासी राजेंद्र ने पूछताछ में बताया कि इस मामले में थाने का हेड मुंशी सुखविंदर भी शामिल था। एसटीएफ ने आरोपी राजेंद्र को न्यायालय में पेश कर तीन दिन के रिमांड पर लिया है। आरोपी से गैंग के सदस्यों के साथ ही उन कुख्यात बदमाशों की जानकारी ली जाएगी जिनके फर्जी पासपोर्ट बनवाकर दिए हैं।
एसटीएफ के अनुसार गिरफ्तार आरोपी राजेंद्र ने बताया है कि अपने गैंग के सदस्यों के साथ मिलकर करीब 57 फर्जी पासपोर्ट बनवा चुके हैं। इसमें अकेले 44 पासपोर्ट ऐसे हैं जो राजू बसौदी, सोनीपत और काला जठेड़ी, सोनीपत गैंग के सदस्यों को दिए गए हैं। इसमें पंजाब के पासपोर्ट कार्यालय के कर्मचारी भी शामिल बताए गए हैं। पासपोर्ट के लिए फर्जी पता और पहचान पत्र तैयार करने का काम गिरोह अपने स्तर से करता था।