नई दिल्ली। यह खबर वाहन चालकों के लिए राहत भरी हो सकती है कि उन्हें जल्द ही पेट्रोल पंपों से पेट्रोल और डीजल स्वच्छ और प्योर मिलने वाला है। अब भारत में भी 1 अप्रैल से पंपों पर विदेशों की तर्ज पर बीएस-6 मानक के अनुरूप ईंधन उपलब्ध हो सकेगा। अभी तक वाहन चालकों को पंप से पेट्रोल और डीजल लेते समय हमेशा शंका रहती है कि इसमें जरूर कुछ न कुछ मिलावट की गई होगी। लेकिन अब ऐसा नहीं हो पाएगा। अब कई ईंधन कंपनियां बीएस 6 के अनुरूप ही पेट्रोल और डीजल रिफाइनरी से पंपाें तक भेजना अभी से शुरू कर दिया है।
एक अप्रैल के बाद भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा जहां ईंधन स्वच्छ और प्योर मिलता है। वाहन चालकों को पेट्रोल और डीजल देने के लिए इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम समेत सभी बड़ी तेल कंपनियों ने इसकी तैयारी जोर-शोर से शुरू भी कर दी है। लगभग सभी रिफाइनरी प्लांट ने बीएस-6 ईंधनों की आपूर्ति शुरू कर दी है और ये ईंधन देश भर में भंडार डिपो तक पहुंचने लगे हैं।
बाजार में बीएस-6 वाले वाहनों की तेजी से हो रही है डिमांड
भारतीय बाजार में बीएस-4 के बाद बीएस 6 वाले वाहनों की तेजी के साथ डिमांड होती जा रही है। अभी हाल ही में कई ऑटोमोबाइल कंपनियों ने अपने वाहनों को बीएसएफ में रीलॉन्च भी कर दिया है। चाहे चार पहिया हो या दो पहिया हो बीएस-6 वाले वाहनों की उपभोक्ताओं में डिमांड भी बढ़ गई है। अब नए वाहनों के अनुसार ही पेट्रोल और डीजल भी मिला करेगा। नए ईंधन से बीएस-6 अनुकूल वाहनों का नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्सर्जन पेट्रोल कारों में 25 प्रतिशत तक और डीजल कारों में 70 फीसदी तक कम हो जाएगा।
सरकारी रिफाइनरी कंपनियों ने भी शुरू कर दी है अपनी तैयारी
बता दें कि सरकारी रिफाइनरी कंपनियों ने नये मानक के अनुकूल ईंधन तैयार करने के लिये करीब 35 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया है। बीएस-6 के अनुकूल पेट्रोल और डीजल में सल्फर की मात्रा महज 10 पीपीएम होती है, यह सीएनजी की तरह स्वच्छ माना जाता है। पहले योजना थी कि दिल्ली और आस-पास के शहरों में स्वच्छ ईंधन की आपूर्ति अप्रैल 2019 तक बहाल की जाएगी और देश भर में एक अप्रैल 2020 से आपूर्ति शुरू की जाएगी।
कंपनियों ने दिल्ली-एनसीआर में एक अप्रैल 2018 से ही नए मानक के अनुकूल ईंधन की आपूर्ति शुरू कर दी। इसके बाद एक अप्रैल 2019 से स्वच्छ ईंधन की आपूर्ति राजस्थान के चार और उत्तर प्रदेश के आठ सीमावर्ती जिलों समेत आगरा जिले में शुरू कर दी गई थी। यह योजना लागू होने के बाद अब वाहन चालकों को पेट्रोल और डीजल में मिलावट की शंका नहीं रह जाएगी।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार