तिरुवनंतपुरम। दक्षिण-पश्चिम मानसून ने सोमवार को केरल में दस्तक दे दी है और जल्द ही यह देश के अन्य हिस्सों में पहुंच जाएगा। मौसम विज्ञान केन्द्र ने यह जानकारी दी है।
मौसम विज्ञान केंद्र की एक विज्ञप्ति में सोमवार को बताया गया कि 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं पूर्वी मध्य और समीपवर्ती दक्षिण-पूर्वी अरब सागर पर और कर्नाटक-गोवा के तटों पर अपना प्रभाव दिखा रही हैं तथा लगभग 40 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाओं के तेज झोंकों के लक्षद्वीप और केरल के तटों पर पहुंचने की संभावना है।
पूर्वी मध्य और समीपवर्ती दक्षिण-पूर्वी अरब सागर में समु्द्री दशाओं के बहुत विषम होने की आंशका व्यक्त की गई है। केरल और लक्षद्वीप के अधिक स्थानों पर बारिश हुई है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि कोझिकोड जिले के वाडाकरा और क्विलांडी में नौ से 15 सेंटीमीटर वर्षा हुई हैं।
इसके अलावा तिरूवनंतपुरम शहर में छह सेंमी, तिरूवनंतपुरम, कन्नूर, मावीलीक्कारा (अलापुजहा जिले), पोन्नानी (मलापुरम जिले) में पांच पांच, कयाकमुलम (अलाप्पुझा जिला), कोट्टायम, नेदुमंगद और नेय्यातिनकारा ( दोनों तिरुवनंतपुरम जिले), व्यर्थिरी (वायनाड जिला), थालास्सेरी (कन्नूर जिला) प्रत्येक में तीन तीन सेमी बारिश हुई है।
केरल में पोजिहियोर से केसरगोड तट, लक्षद्वीप में मिनीकोय से बिट्रा और कर्नाटक में मेंगलूर से कारवाड़ तटों पर दो जून रात साढ़े ग्यारह बजे तक दो से चार मीटर तक समुद्री लहरों के उठने की आशंका व्यक्त की गई है। इसे देखते हुए मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है।
केरल के सभी जिलों में पिछले 24 घंटों में अधिकतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव दर्ज नहीं किया गया है लेकिन यह पलक्कड जिले में सामान्य से काफी ज्यादा, अलापुझा जिले में सामान्य से थोड़ा उपर और केरल के अन्य हिस्सों में सामान्य ही रहा। विज्ञप्ति में कहा गया है कि पलक्कड में अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।