लखनऊ । उत्तर प्रदेश में करीब ढाई दशकों तक एक दूसरे के कट्टर प्रतिद्धंदी रहे समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने केन्द्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को शिकस्त देने के लिये शनिवार को आगामी लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ने का ऐलान किया।
राजधानी के एक पांच सितारा होटल में बुलाये गये संवाददाता सम्मेलन में बसपा प्रमुख मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार की नीतियों और कार्यप्रणाली को देशहित के खिलाफ करार देते हुये लोकसभा चुनाव को साथ मिलकर लड़ने की घोषणा की।
समझौते के तहत उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में सपा और बसपा 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी जबकि दो सीटें सहयोगी दलों के लिये छोड़ी गयी है। दाेनो ही दल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र अमेठी और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में अपने प्रत्याशी नहीं उतारेंगे।
मायावती ने कहा कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने देश को अराजकता और आर्थिक बदहाली की ओर ढकेला है। भाजपा की नीति और कार्यप्रणाली गरीब,किसान,नौजवान,दलित और अल्पसंख्यकों समेत समाज के हर तबके के लिये घातक है। भाजपा सरकार ने सिर्फ उद्योगपतियों और पूंजीपतियों का भला किया है। इस कुशासन से देश की जनता को निजात दिलाने के लिये उन्होने 25 साल पुराने लखनऊ के गेस्ट हाउस कांड को भुलाकर सपा के साथ समझौते का फैसला लिया है।
कांग्रेस पर भी हमलावर मायावती ने कहा कि भाजपा की तरह देश पर लंबे समय तक शासन करने कांग्रेस ने देश की जनता को अराजकता,भ्रष्टाचार और आर्थिक बदहाली का दंश झेलने को मजबूर किया है। उन्होने साफ किया कि कांग्रेस को गठबंधन में शामिल करने का सवाल ही नहीं उठता और भविष्य में भी देश में किसी भी राज्य में उनकी पार्टी कांग्रेस से समझौता नहीं करेगी। इसके बावजूद कांग्रेस के लिए दो सीटें रायरबेली और अमेठी छोड़ी गई हैं ताकि सफाये की ओर अग्रसर भाजपा को इन दो सीटों पर जोर आजमाइश करने का मौका मिल सके।
इस मौके पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि सपा बसपा गठबंधन से बौखलायी भाजपा किसी भी हद तक जा सकती है। कार्यकर्ताओं को भाजपा की किसी भी साजिश से सावधान रहने की नसीहत देते हुये उन्होने कहा कि जाति और धार्मिक भावनायें भड़काने का कुचक्र रचा जा सकता है जिससे सावधान रहने की जरूरत है।
उन्होने कहा कि भाजपा ने उत्तर प्रदेश को जाति प्रदेश बना दिया है। जाति संप्रदाय की राजनीति करने वाली इस पार्टी ने अपने निजी स्वार्थ की खातिर भगवान को भी जाति में बांटने का प्रयास किया। उन्होने कहा कि सपा बसपा मिलकर भाजपा काे केन्द्र की सत्ता से बेदखल कर देंगी। सपा अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे सुश्री मायावती का पूरा सम्मान करें। बसपा सुप्रीमो का सम्मान उनका सम्मान करने जैसा होगा।