प्रयागराज। समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता एवं सांसद श्यामा चरण गुप्ता का कोरोना संक्रमण के कारण उपचार के दौरान शुक्रवार की देर रात मृत्यु हो गयी। वह 76 वर्ष के थे।
श्याम ग्रुप के महाप्रबंधक मनोज अग्रवाल ने निधन की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि 31 मार्च को उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आयी थी। रिपोर्ट आने के बाद गुप्ता को प्रयागराज के स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल के कोविड़ वार्ड में भर्ती कराया गया था। स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने पर दिल्ली के मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
उपचार के दौरान देर रात उनका निधन हो गया। पूर्व सांसद की पत्नी जमुनोत्री देवी और पुत्र विदुप अग्रहरि भी कोरोना संक्रमित हैं, वह होम क्वारंटाइन हैं। गुप्ता के परिवार में पत्नी जमुनोत्री गुप्ता, दो पुत्र विदुप अग्रहरि और विभव अग्रहरि तथा एक पुत्री वेणु अग्रहरि धींगरा है।
मेयर से सांसद तक के सफर में श्यामाचरण ने बदले कई ठौर
संगम नगरी प्रयागराज में श्याम समूह की कंपनियों के संस्थापक रहे श्यामा चरण गुप्ता अपने राजनीतिक सफर के दौरान मेयर से लेकर सांसद तक कई पड़ाव से गुजर चुके थे। गुप्ता ने 1984 से अपना राजनीतिक सफर बांदा से एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में शुरू किया था। इस बीच उन्होने कभी भारतीय जनता पार्टी को अपना ठौर बनाया तो कभी समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ साइकिल पर सवार हुए।
वर्ष 1984 से लेकर 2019 के बीच वह केवल दो बार सांसद चुने गए। पहली बार 2004 में सपा के टिकट पर बांदा से चुनाव लड़कर सांसद बने,उसके बाद वर्ष 2014 में भाजपा के टिकट पर इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने गए। उनके लिए 1984 का चुनाव कांग्रेस के भीसन देव दुबे से हार गए। यह नुकसान न के बराबर था, क्योंकि वह बाद में 1989 में भाजपा के टिकट से इलाहाबाद के मेयर बन गए थे।
वर्ष 1991 में उन्होंने भाजपा के दावेदार के रूप में इलाहाबाद सीट से लोकसभा चुनाव लड़े लेकिन जनता दल के प्रत्याशी सरोज दुबे से महज 5196 मतों से पराजित हुए। सरोज दुबे 114898 मत पाकर सांसद चुनी गई थीं जबकि गुप्ता को 109702 मत मिले थे।
उनका राजनीतिक करियर एक दशक से अधिक समय तक निष्क्रिय रहा जिसके बाद उन्होंने सपा के टिकट पर 2004 में बांदा सीट से सपा के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और जीते। इसके बाद उन्होने सपा के टिकट पर ही 2009 में फूलपुर से बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी कपिलमुनि करवरिया से चुनाव हार गए। उन्होंने 2014 के चुनावों में भाजपा उम्मीदवार के रूप में एक सफल अभियान चलाया और सपा के दिग्गज नेता कुंवर रेवती रमण सिंह को पराजित करके इलाहाबाद के सांसद बने।
वर्ष 2019 लोकसभा टिकट को लेकर ही उनका पार्टी नेताओं से मनमुटाव हुआ। उसके बाद समाजवादी पार्टी ने उन्हें बांदा से चुनाव लड़वाया लेकिन इस बार उन्हे भाजपा के आर के सिंह पटेल ने 58,938 मतो से पराजित किया था। आरके सिंह को 47,79, 26 मत मिला जबकि श्री गुप्ता को 41,89,88 मत प्राप्त हुए थे।