जयपुर। पन्द्रहवीं राजस्थान विधानसभा का पहला सत्र 15 जनवरी को आहूत करने के मामले में गतिरोध हो गया है।विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने यहां पत्रकारों को बताया कि नई सरकार ने सत्र बुलाने के बारे में उनसे कोई बातचीत नहीं की है लिहाजा मैंने सत्र बुलाने के लिए निर्देश नहीं दिए हैं।
उन्होंने कहा कि यह कदम विधायकों के हितों के लिए उठाया गया है। जिसमें सत्र बुलाने के लिए 21 दिन की अवधि आवश्यक है। इसमें विधायकों को प्रश्न पूछने का मौका मिल जाता है।
इसबीच संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने मेघवाल से बातचीत की है तथा कहा है कि मिल बैठकर मामले को सुलझा लेंगे। इसपर मेघवाल ने बताया कि सरकार मुझसे बात कर ले तो गतिरोध समाप्त हो सकता है लेकिन सदन की बैठक 15 जनवरी को नहीं बुलाई जा सकती इसके लिए 21 दिन का समय देना होगा।
मेघवाल ने राज्यपाल कल्याण सिंह को भी इस मामले से अवगत करा दिया। उन्हें राज्यपाल ने इस मामले में बताया कि मुझे सत्र बुलाने का सीधा नोटिस भेजा गया था जिस पर मैंने 15 जनवरी को सत्र आहूत कर लिया।
सूत्रों ने बताया कि इस बारे में राज्यपाल की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और विधानसभा अध्यक्ष के साथ बैठक होगी जिसमें यह मामला सुलझ सकता है। विधानसभा के पहले सत्र में प्रोक्टेम स्पीकर विधायकों शपथ दिलाएगा।