पटना। बिहार सरकार ने आज कहा कि केंद्र की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत के लाभान्वितों को राज्य में आयुष्मान कार्ड उपलब्ध कराने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
विधान परिषद में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के रजनीश कुमार के एक तारांकित सवाल के जवाब में कहा कि इस योजना के पात्र लाभार्थी राज्य के करीब 8000 निकटतम वसुधा केंद्र या इलाज के दौरान संबंधित प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) के तहत 838 सूचीबद्ध अस्पताल में कभी भी आयुष्मान कार्ड बनवा सकते हैं। 01 मार्च 2021 से यह कार्ड निर्माण नि:शुल्क किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में चिन्हित लाभान्वितों के आयुष्मान कार्ड आच्छादन के लिए विशेष अभियान दिसंबर 2019 से मार्च 2020 तक चलाया गया है।
मंत्री ने कहा कि वर्तमान में शत-प्रतिशत पात्र लाभान्वित परिवारों को आयुष्मान कार्ड निर्गत किए जाने के उद्देश्य से इस वर्ष के 17 फरवरी से 03 मार्च तक आयुष्मान पखवाड़ा पंचायत स्तर पर शिविर लगाकर चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत अभी तक राज्य में आठ लाख 93 हजार नए कार्ड नि:शुल्क जारी किए जा चुके हैं और यह अभियान अभी भी जारी है। उन्होंने कहा कि इसमें तेजी लाने के लिए आयुष्मान भारत काउंसलिंग डेस्क की स्थापना प्रत्येक सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय एवं जिले के सदर अस्पताल में जहां आयुष्मान कार्ड बनाए जा सकेंगे, संबंधी निर्णय कार्यकारिणी समिति, बिहार स्वास्थ्य सुरक्षा समिति द्वारा लिया गया है।
पांडे ने जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के डॉ. संजीव कुमार सिंह के एक तारांकित प्रश्न के उत्तर में कहा कि वर्तमान में राज्य में कुल 533 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 1399 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा 10877 स्वास्थ्य उपकेंद्र कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि इन स्वास्थ्य केंद्रों में राज्य के ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को सामान्य एवं आकस्मिक चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराई जा रहे हैं।
मंत्री ने कहा कि उप स्वास्थ्य केंद्रों में से 15 फरवरी 2021 तक 893 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 331 एक स्वास्थ्य केंद्र तथा 98 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र समेत कुल 1322 स्वास्थ्य केंद्रों को हेल्थ एवं वैलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) के रूप में विकसित किया गया है। उन्होंने कहा कि इससे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी।
पांडे ने कहा कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर 15 प्रकार की दवाएं उपलब्ध कराई गई हैं। उन्होंने कहा कि साथ ही 1700 स्वास्थ्य उपकेंद्रों में टेलीमेडिसिन की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।