अजमेर। राजस्थान के अजमेर में नगर निगम के भारतीय जनता पार्टी के शहर उपाध्यक्ष सोमरत्न आर्य की ओर से पोक्सो एक्ट की विशेष अदालत में दायर अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र को आज न्यायाधीश रतनलाल मूंड ने स्वीकार कर लिया।
चार दिन से लंबित पड़ी अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र पर फैसला सुनाते हुए न्यायाधीश ने एक लाख के मुचलके तथा 50-50 हजार रुपए की व्यक्तिगत जमानत पर पूर्व महापौर आरोपी आर्य की ओर से दायर प्रार्थना पत्र स्वीकार कर लिया।
साथ ही क्रिश्चियनगंज थाने में दो फोटोएं, अजमेर से बाहर नहीं जाने की पाबंदी, गवाहों को नहीं धमकाने की बात तथा अनुसंधान के द्वारा आरोपी द्वारा पुलिस को पूरा सहयोग दिए जाने की शर्त पर उनका प्रार्थना पत्र स्वीकार कर लिया।
न्यायालय के सामने तर्क दिया गया कि आर्य सामाजिक व राजनीतिक कार्यकर्ता है, अनेक संस्थाओं के पदाधिकारी है, उनके खिलाफ आज तक किसी तरह का कोई आपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं है।
साथ ही बदनीयती के साथ 18 दिन बाद कथित पीड़िता की ओर से दबाव में आकर मुकदमा दर्ज कराया गया है लिहाजा उनकी जमानत अर्जी स्वीकार की जाए। न्यायाधीश ने आर्य के अतीत को ध्यान में रखते हुए जमानत का लाभ देने का फैसला लिया।
गौरतलब है कि आर्य पर क्रिश्चियनगंज थाना क्षेत्र स्थित फ्लोरेंस अपार्टमेंट में रहने वाली बच्ची ने छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए करीब 18 दिन बाद क्रिश्चियनगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने पोक्सो एक्ट में मामला दर्ज किया और संबंधित न्यायालय में पीड़िता के 164 में कलमबद्ध बयान भी दर्ज कराए।
जिस दिन थाने पर प्रकरण दर्ज हुआ उसी दिन से छेड़छाड़ के आरोपी आर्य ने शहर भाजपा के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देते हुए स्वयं को भूमिगत कर लिया और अपने वकीलों की ओर से पोक्सो न्यायालय में अग्रिम जमानत अर्जी पेश कराई।