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Special on the birthday of Bollywood famous musician Bappi Lahiri - Sabguru News
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नके ‘डिस्को म्यूजिक’ पर बॉलीवुड के साथ देश भी थिरकता था

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नके ‘डिस्को म्यूजिक’ पर बॉलीवुड के साथ देश भी थिरकता था
Special on the birthday of Bollywood's famous musician Bappi Lahiri
Special on the birthday of Bollywood's famous musician Bappi Lahiri
Special on the birthday of Bollywood’s famous musician Bappi Lahiri

आज हम आपको 80 के दशक में लिए चलते हैं। इस दौर में हिंदी सिनेमा जमकर थिरकने में लगा था। उन्होंने अपने डिस्को और रॉक म्यूजिक से बॉलीवुड और देशवासियों को झूमने पर मजबूर कर दिया था। उनके म्यूजिक का स्टाइल बाजारों में भी दिखने लगा था। हर चीज ‘डिस्को’ नजर आती थी। म्यूजिक को फास्ट बनाने में उनका सबसे बड़ा योगदान रहा है।

संगीतकार के साथ उनके गायन के भी प्रशंसक जबरदस्त दीवाने हैं। उनका स्टाइल और सोने के आभूषणों से लदे रहना औरों से अलग करता है। फिल्म इंडस्ट्रीज में उन्हें ‘डिस्को किंग’ भी कहा जाता है । हम आज बात कर रहे हैं संगीतकार और गायक बप्पी लाहिड़ी की। आज उनका 67वां जन्मदिन है। बप्पी दा का जन्म 27 नवंबर 1952 को कोलकाता में हुआ था। आइए जानते हैं बप्पी के जीवन और फिल्म संगीत का सफर कैसा रहा।

बचपन में ही बप्पी ने तबला बजाना और संगीत की बारीकियां सीख ली थी

बप्पी दा बचपन से ही संगीत की बारीकियां जानने लगे थे। जब वे केवल 3 साल के थे तब उन्होंने तबला बजाना शुरू कर दिया था। संगीत घराने से ताल्लुक रखने वाले बप्पी दा के पिता अपरेश लाहिड़ी मशहूर बंगाली गायक थे और उनकी मां बांसरी लाहिड़ी संगीतकार थीं। बप्पी दा ने अपने माता-पिता से ही संगीत सीखा और पहली बार बंगाली फिल्म में गाना गाया था।

महान गायक किशोर कुमार बप्पी दा के मामा थे। उन्होंने ही म्यूजिक इंडस्ट्री में जगह बनाने के लिए बप्पी दा की मदद की थी।

वर्ष 1971 में बप्पी कोलकाता छोड़कर मायानगरी पहुंचे

बप्पी लाहिड़ी ने 19 साल की उम्र में वर्ष 1971 में कोलकाता छोड़कर माया नगरी पहुंच गए। दो साल तक मुंबई में संघर्ष करने के बाद आखिरकार बप्पी को साल 1973 में पहली बार ‘नन्हा शिकारी’ में संगीत देने का मौका मिला था। लेकिन इसमें बप्पी को कोई खास पहचान नहीं मिल सकी थी। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी वह अपने संगीत काे नए-नए प्रयोग और आधुनिक बनाने में लगे हुए थे।

1973 में आई फिल्म ‘जख्मी’ से मिली पहचान

वर्ष 1975 में फिल्म ‘जख्मी’ से बप्पी काे पहचान मिली। इस फिल्म में उन्होंने मोहम्मद रफी और किशोर कुमार के साथ ‘नथिंग इज इंपॉसिबल’ गीत गाया था। यह फिल्म और गाना उनके करियर का टर्निंग प्वॉइंट रहा। म्यूजिक इंडस्ट्री में पॉप का मिक्स्चर करने का श्रेय बप्पी दा को ही जाता है। उन्होंने अपने गानों में कई प्रयोग किए। इसके बाद तो बप्पी दा का संगीत पूरे बॉलीवुड में चमकने लगा था। बप्पी ने सभी मशहूर गायक और गीतकार को अपने संगीत से नवाजा है।

80 के दशक में बप्पी का संगीत पूरे देश भर में धूम मचाने लगा था

80 के दशक में बप्पी दा के गाने लोगों की जुबान पर चढ़े हुए थे। उन्होंने ‘आई एम ए डिस्को डांसर’, ‘बंबई से आया मेरा दोस्त’, ‘जूबी-जूबी’, ‘याद आ रहा है तेरा प्यार’, ‘यार बिना चैन कहां रे’, ‘तम्मा तम्मा लोगे’ समेत कई ऐसे गाने गाए, जिसकी धुन पर लोग जमकर थिरके। इसके अलावा प्रकाश मेहरा निर्देशित फिल्म शराबी, नमक हलाल, नाकाबंदी, प्रेम प्रतिज्ञा समेत सैकड़ों फिल्मों का म्यूजिक सुपरहिट रहा था। बप्पी दा के लिए 90 का दशक कुछ खास नहीं रहा, लेकिन वह लगातार गाने गाते रहे। साल 2011 में एक बार फिर उनका गाना छा गया। ये गाना था, फिल्म ‘डर्टी पिक्चर’ का ‘ऊ ला ला ऊ लाला’ लोगों ने खूब पसंद किया था।

अपने शो में माइकल जैक्सन ने बप्पी दा को आमंत्रण किया था

आपको जानकारी दे दें कि म्यूजिक इंडस्ट्री में पॉप का मिक्स्चर करने का श्रेय बप्पी दा को ही जाता है। उन्होंने अपने गानों में कई प्रयोग किए, जिसका काफी विरोध भी हुआ था। हालांकि, बप्पी दा की पॉपुलैरिटी पर इसका कोई असर नहीं पड़ा। वह एकलौते संगीतकार हैं, जिन्हें माइकल जैक्सन ने अपने पहले शो में बुलाया था। यह लाइव शो साल 1996 में मुंबई में आयोजित हुआ था।

सोने के आभूषण से है लगाव

बप्पी दा के फैंस उन्हें शुरू से ही सोने के गहनों से लदा देखते आए हैं। उनके मन में कई बार यह सवाल उठ चुका है कि आखिर वह इतनी चेन क्यों पहनते हैं। हम आपको बता दें कि संगीतकार बप्पी के लिए सोना लकी रहा है। इसीलिए वह 7-8 सोने की चेन पहनते हैं।

वर्ष 2014 में बप्पी ने भाजपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ा था

बॉलीवुड के मशहूर संगीतकार और गायक बप्पी लाहिड़ी ने राजनीति में भी हाथ आजमाया थे, लेकिन उनको सफलता नहीं मिल सकी। बप्पी ने साल 2014 लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव भी लड़ा था। लेकिन वह चुनाव हार गए थे। आज भी बप्पी म्यूजिक के नए-नए प्रयोग करने में लगे हुए हैं।

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार