सबगुरु न्यूज। भारत की बढ़ती जनसंख्या भी एक महामारी से कम नहीं है। आज हम कई क्षेत्रों में अधिक आबादी होने वैसे पिछड़ते जा रहे हैं। आबादी बढ़ने को लेकर कहीं न कहीं हम भी इसके सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं। अब समय आ गया है, हमें भी इसके रोकथाम के लिए संकल्प लेना होगा। आज 11 जुलाई है। यह तारीख सीधे आप से जुड़ी हुई है। सीधे जुड़ी होने का अर्थ यह है कि देश दुनिया में बढ़ती आबादी का जो विस्फोट हो रहा है उसे रोकने के लिए अब आपको समझदारी दिखानी ही होगी। आज ‘विश्व जनसंख्या दिवस’ है।
इस मौके पर बात लंबी नहीं बल्कि संकल्प लेने और बुलंद इरादों वाली होनी चाहिए। भारत समेत दुनिया भर के देशों में तेजी से बढ़ती जनसंख्या मानव समाज के साथ पृथ्वी पर भी भयावह संदेश दे रही है। बच्चों के जन्म को लेकर अभी तक इंसानों की सोच रही है कि यह सब भगवान की देन है, इसको अब पीछे छोड़ना होगा और एक नया माहौल तैयार करना होगा, जिसमें खुशहाल जिंदगी और खुशहाल परिवार हो। विश्व जनसंख्या दिवस को मनाने का उद्देश्य यह है कि, दुनिया के प्रत्येक व्यक्ति बढ़ती जनसंख्या की ओर अवश्य ध्यान दे और जनसंख्या को नियंत्रित करने में अपना योगदान भी अवश्य करें।
इस बार जनसंख्या दिवस ऐसे समय पर आया है जब भारत ही नहीं दुनिया भर के तमाम देश इस कोरोना महामारी से महाजंग लड़ रहे हैं। बात भारत की करें, तो देश की जनसंख्या इस समय लगभग एक अरब 38 करोड़ के पार है। इस समय कोरोना महामारी से पूरा देश जूझ रहा है। डब्ल्यूएचओ समेत दुनिया के कई देश भारत में महामारी को लेकर कई डरावनी भविष्यवाणी कर रहे हैं। इनकी भविष्यवाणी करने का मुख्य उद्देश्य है कि हमारे देश की विशाल आबादी। वर्तमान में समय का जो चक्र चल रहा है उस हिसाब से बात करें तो कम जनसंख्या वाले देश आज अधिक खुश हैं।भारत, चीन समेत कई विकासशील देशों के लिए बढ़ती जनसंख्या चिंता का विषय है। आज विश्व जनसंख्या दिवस पर हम संकल्प लें बढ़ती आबादी को नियंत्रण करने के लिए।
वर्ष 1989 में जनसंख्या दिवस मनाने की हुई थी शुरुआत
आज विश्व जनसंख्या दिवस मनाने को लेकर 31 साल हो गए हैं। हम अगर बात करें तो जा जुलाई 1989 को जब विश्व की जनसंख्या 5 अरब पार कर गई थी तभी से यह दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी। तब कुछ लोग समझ चुके थे कि यह आगे चलकर कितनी बड़ी समस्या का रूप लेनेवाला है। तब से दुनिया के हर कोने में इसे मनाया जाता है और जनसंख्या कंट्रोल करने के लिए तरह-तरह से प्रोत्साहित किया जाता है। तेजी से बढ़ रही जनसंख्या को लेकर लोगों को इसके प्रति जागरूक करने के लिए हर साल यह दिवस मनाया जाता है, ताकि लोग इसे रोकने, कम करने पर ध्यान दें।
लेकिन इस मौके पर लोग बातें तो बहुत बड़ी-बड़ी करते हैं लेकिन फैमिली प्लानिंग को लेकर अमल नहीं हो पाता है। हमें अभी से बढ़ती आबादी के प्रति जागरूक रहना होगा और समाज को भी इसके लिए तैयार करना होगा, उन्हें बताना होगा छोटे परिवार आज कितना खुशहाल माना जा रहा है। सही मायने में भारत में जनसंख्या विस्फोट रोकने के लिए अभी तक केंद्र सरकार या राज्य सरकारों ने कोई ठोस नीति नहीं बनाई है, आज भारत की आबादी कई क्षेत्रों में बाधा बनकर खड़ी हुई है।
अगर ऐसे ही हाल रहा तो हम चीन की जनसंख्या से जल्द ही आगे निकल जाएंगे
भारत की जनसंख्या तेजी के साथ आगे बढ़ रही है। अगर इससे न रोका गया तो वह दिन दूर नहीं जब हम विश्व के सबसे बड़े आबादी वाले देश चीन से भी आगे निकल जाएंगे। एक रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले 5 से 8 वर्षों के बीच भारत जनसंख्या के मामले में चीन से आगे निकल जाएगा। इस बीच भारत की आबादी 1 अरब 65 करोड़ से अधिक होने का अनुमान है। इस समय सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश चीन है। चीन के बाद भारत का नंबर आता है। भारत के बाद तीसरे पायदान पर अमेरिका है।
इस समय विश्व की कुल जनसंख्या 777 करोड़ है। यूएन अनुसार 2023 तक पूरी दुनिया की आबादी 8 अरब से और 2056 तक 10 अरब अधिक हो जाएगी। विश्व के लिए ये चिंताजनक है। गौरतलब है कि विश्व की आधी आबादी दुनिया के सिर्फ 9 देशों में रहती है। आपको बता दें यूएन का अनुमान है कि 2017 से 2050 तक भारत, नाइजीरिया, कांगो का लोकतांत्रिक गणराज्य, पाकिस्तान, इथियोपिया, संयुक्त राज्य अमेरिका तंजानिया, संयुक्त राज्य अमेरिका, युगांडा और इंडोनेशिया में जनसंख्या वृद्धि दर बढ़ेगी।
समय आ गया है, जनसंख्या नियंत्रण करने के लिए कानून बनाने पर जोर दिया जाए
जनसंख्या विस्फोट देश में आर्थिक और सामाजिक समरसता और संतुलन बिगड़ रहा है। जनसंख्या नियंत्रण को लेकर देश में ऐसा कानून लागू किया जाना चाहिए जिसमें दो से ज्यादा बच्चे पैदा करने वालों का वोटिंग अधिकार छीन लिया जाना चाहिए। देश में संसाधन सीमित हैं लेकिन आबादी बेहद तेजी से बढ़ती जा रही है। हर साल बढ़ते बेरोजगारी के आंकड़े दर्शा रहे हैं कि हालात ऐसे ही रहे तो स्थिति कभी भी विस्फोटक हो सकती है। पिछले वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को 73वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जनसंख्या विस्फोट को लेकर अपनी चिंता जाहिर की थी।
पीएम ने कहा कि हमें जनसंख्या नियंत्रण पर ध्यान देने की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री ने देश की जनता से अपील की थी कि वह जागरूकता फैलाने का काम करें। हम आपको बता दें कि इनकी मोदी सरकार जनसंख्या नियंत्रण करने के लिए ‘दो बच्चों की योजना’ पर भी काम कर रही है। वाकई अब समय आ गया है जब देश को जनसंख्या नियंत्रण कानून की सख्त जरूरत है।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार