Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
किसानों के हित के लिए शीघ्र ही विशेष सत्र बुलाया जाएगा : गहलोत - Sabguru News
होम Rajasthan Jaipur किसानों के हित के लिए शीघ्र ही विशेष सत्र बुलाया जाएगा : गहलोत

किसानों के हित के लिए शीघ्र ही विशेष सत्र बुलाया जाएगा : गहलोत

0
किसानों के हित के लिए शीघ्र ही विशेष सत्र बुलाया जाएगा : गहलोत

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि किसानों के हित में वांछित संशोधन विधेयक लाने के लिए शीघ्र ही विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जायेगा।

गहलोत ने बताया कि यह निर्णय उनके निवास पर राज्य मंत्री परिषद की बैठक में लिया गया। उन्होंने बताया कि बैठक में केन्द्र सरकार द्वारा किसानों से सम्बन्धित विषयों पर बनाए गए तीन नए कानूनों से राज्य के किसानों पर पड़ने वाले प्रभावों पर चर्चा की गयी। चर्चा के बाद इस सत्र में भारत सरकार द्वारा लागू किए गए कानूनों के प्रभाव पर विचार-विमर्श करके राज्य के किसानों के हित में वांछित संशोधन विधेयक लाए जाने का निर्णय किया गया।

उन्होंने बताया कि राज्य मंत्री परिषद ने फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की अनिवार्यता पर जोर दिया। साथ ही, व्यापारियों द्वारा किसानों की फसल खरीद के प्रकरण में विवाद होने की स्थिति में उसके निपटारे के लिए सिविल कोर्ट के अधिकारों को बहाल रखने पर भी चर्चा की। मंत्री परिषद का मत है कि राजस्थान में ऐसे प्रकरणों में फसल खरीद के विवादों के मण्डी समिति या सिविल कोर्ट के माध्यम से निपटारे की व्यवस्था पूर्ववत रहनी चाहिए।

गहलोत ने बताया कि मंत्री परिषद ने माना कि नए कृषि कानूनों के लागू होने के बाद आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत सामान्य परिस्थितियों में विभिन्न कृषि जिन्सों के स्टॉक की अधिकतम सीमा हटाने से कालाबाजारी बढ़ने, अनाधिकृत भण्डारण तथा कीमतें बढ़ने की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता। बैठक में यह भी चर्चा की गई कि कॉन्ट्रेट फॉर्मिंग अधिनियम में न्यूनतम समर्थन मूल्य का प्रावधान रखना राज्य के किसानों के हित में होगा।

बैठक में राज्य में कोरोना संक्रमण तथा इससे निपटने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रबंधन पर भी चर्चा हुई। मंत्री परिषद ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि राज्य में कोरोना प्रबंधन बेहतरीन रहा है। मंत्री परिषद ने कोरोना के विरूद्ध जन आंदोलन को 31 अक्टूबर से एक महीने और बढ़ाकर 30 नवम्बर तक जारी रखने का भी निर्णय लिया।