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Speed ​​of Ganga Yamuna halts in Prayagraj hundreds of acres of crop submerged - Sabguru News
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प्रयागराज में गंगा-यमुना का जलस्तर घटा , सैकडों एकड़ फसल जलमग्न

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प्रयागराज में गंगा-यमुना का जलस्तर घटा , सैकडों एकड़ फसल जलमग्न
Speed ​​of Ganga-Yamuna halts in Prayagraj, hundreds of acres of crop submerged
Speed ​​of Ganga-Yamuna halts in Prayagraj, hundreds of acres of crop submerged
Ganga-Yamuna water level decreased in Prayagraj, hundreds of acres of crop submerged

प्रयागराज | तीर्थराज प्रयाग में गंगा और यमुना का जलस्तर भले ही घट रहा है लेकिन अभी खतरे की आशंका टला नहीं है। हथिनीकुंड और भीमगौड़ा बैराज से छोड़े गये पानी के एक बार फिर प्रयागराज में पहुंचने पर बाढ़ का खतरा बना हुआ है।

बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अनुसार पिछले 24 घंटों में गंगा और यमुना के जलस्तर में दो से पांच सेंटीमीटर का उतार चढ़ाव देखा गया था। पिछले 24 घंटे का (सुबह आठ बजे से आठ बजे तक) ओर आल आंकलन में गंगा क्रमश: फाफामऊ में चार सेंटीमीटर, छतनाग में पांच और नैनी में यमुना दो सेंटीमीटर घटी है। बुधवार की सुबह आठ फाफामऊ में 82.83 मीटर, छतनाग में 82.07 मीटर और यमुना 82.66 मीटर दर्ज किया गया है जबकि मंगलवार को इसी समय फाफामऊ का जलस्तर 82.87 मीटर, छतनाग 82.12 और यमुना 82.68 मीटर दर्ज किया गया था। खतरे का निशान 84.734 मीटर दर्ज है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार हथिनीकुंड से आठ लाख क्यूसेक से अधिक छोड़ा गया पानी मंगलवार शाम को दिल्ली के ओखला बैराज में पहुंच गया। दिल्ली में यमुना उफान पर हैं। यमुना का पानी कुछ दिनों में प्रयागराज यमुना में प्रवेश करेगा और उत्तरखंड से भी पानी लगातार छोड़ा जा रहा है।

हरिद्वार से अभी तक तीन लाख क्यूसिक से अधिक और कानपुर बैराज से लगातार एक लाख 25 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण प्रयागराज में दोनों नदियों में बाढ़ का पानी पहुंचने से एक बार फिर बाढ़ जैसी उत्पन्न हो जाएगी।

अभी तक बाढ के कारण सैकड़ों एकड़ में खड़ी फसल जलमग्न हो गयी है। रंगपुरा, फाफामऊ, सुमेरी का पुरा, मलाकहरहर, गद्दोपुर, शिवपुर, मोरहूं राजापुरा, सलोरी ढरहरिया, छोटा बाघड़ा आदि बाढ़ का पानी शहर के कई मुहल्लों में प्रवेश कर गया है। छोटा बाघडा में बडी संख्या में लोग नदी की तलहटी में मकान बना लिए है जिससे बाढ़ की शुरूआत में ही उनके घरों में पानी प्रवेश कर गया। इस क्षेत्र में प्रतियोगी छात्र किराए पर अधिक रहते हैं। बाढ़ का पानी बढने से मकान खाली कर जा रहे हैं।

गंगा-यमुना के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए सिंचाई विभाग ने पांच तटबंधों बक्शीबांध, बेणी बांध, वाईवी वन,वाईवी टू और अरैल की निगरानी बढ़ा दी है। निगरानी के लिए विशेष टीम गठित की गयी है जो लगातार इसकी निगरानी करेंगे और इसकी रिपोर्ट विभाग को देंगे।

जल पुलिस प्रभारी कड़ेदीन यादव ने बताया कि दोनो नदियों की बढ़ने की रफ्तार भले ही धीमी हुई है लेकिन बहाव बहुत तेज है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जल पुलिस के जवान रात में भी नाव से पेट्रोलिंग कर रहे हैं जिससे किसी प्रकार की समस्या होने पर लोगों को तत्काल सहायता पहुंचायी जा सके। पेट्रोलिंग करने के लिए 10 मोटरवोट लगाई गयी है जिसमें प्राइवेट गोताखोर और अन्य सुविधाओं से लैस जवान हैं। उन्होने बताया कि जल पुलिस के जवानों के लिए संगम क्षेत्र में रेस्क्यू स्टेशन बनाया गया है। सवेदनशील इलाकों में एसडीआरएफ और फ्लड पीएसी के जवानों की तैनाती की गयी है।

दारागंज, करेली, अतरसुइया, मुठ्ठीगंज, नैनी सोरांव और झूंसी थाना क्षेत्र के कई हिस्से बाढ़ से प्रभावित हैं।