नई दिल्ली। निजी क्षेत्र की विमानन कंपनी स्पाइसजेट की मुंबई से दुर्गापुर की उड़ान के दौरान रास्ते में आज वायुमंडलीय दबाव में अचानक बदलाव के कारण तेज झटके की वजह से 14 यात्री सहित 17 लोग घायल हो गए जिनमें से तीन लोगों को गंभीर चोटें आईं हैं।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने देर शाम बताया कि स्पाइसजेट के बोइंग 737-800 विमान उड़ान संख्या एसजी-945 मुंबई से दुर्गापुर के लिए 195 यात्रियों, दो पायलट और चालक दल के चार अन्य सदस्यों के साथ शाम करीब पांच बज कर 13 मिनट पर रवाना हुई थी। विमान को नीचे उतारते समय अचानक वायुमंडलीय दबाव के कारण बहुत जोर का झटका (टर्बुलेंस) लगा और इससे दो मिनट के लिए ऑटो पायलट बंद हो गया और पायलटाें को मैनुअल ढंग से विमान उड़ाना पड़ा।
डीजीसीए के अनुसार विमान ने दुर्गापुर के हवाई यातायात नियंत्रक को सूचना दी कि कुछ यात्री टर्बुलेंस के कारण घायल हो गए हैं और लेंडिंग पर उनके उपचार के लिए मेडिकल सहायता की मांग की। डीजीसीए ने बताया कि बहुत तेज टर्बुलेंस के कारण 14 यात्री और चालक दल के तीन सदस्य घायल हो गए। उन्हें सिर, रीढ़, कंधे, माथे और चेहरे में चोटें आईं।
इस समय तीन यात्री अस्पताल में भर्ती हैं। इनमें दो यात्री दुर्गापुर में सघन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में है। एक यात्री को सिर में चोट आने के कारण डायमंड अस्पताल में भर्ती कराया गया है और एक अन्य यात्री को रीढ़ में चोट आने के कारण मिशन अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इस घटना में विमान में ऑक्सीजन पैनल खुल गए और मास्क नीचे आ गए। कुछ सीटों के हैंडरेस्ट और ऊपर के पैनलों को नुकसान हुआ है। एक सामान रखने वाला केबिन टूटा मिला है। बहुत सारा सामान फर्श पर फैल गया। विमान को आरंभिक निरीक्षण के बाद अभी कोलकाता में रखा गया है।
डीजीसीए ने इस मामले में सख्त कार्रवाई करते हुए जांच प्रक्रिया पूरी होने तक पायलटों, दुर्गापुर से विमान को जाने की अनुमति देने वाले विमान अनुरक्षण इंजीनियर और स्पाइसजेट के अनुरक्षण नियंत्रण केन्द्र के प्रभारी को नियमित ड्यूटी से हटा दिया है। डीजीसीए ने नियामक होने के नाते स्पाइसजेट के पूरे बेड़े की जांच शुरू कर दी है।
इससे पहले स्पाइसजेट एयरलाइन ने अपने वक्तव्य में घायल यात्रियों की संख्या 11 बताई। एयरलाइन ने कहा कि आठ यात्रियों को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है और स्पाइजेट घायल यात्रियों को यथा संभव मदद मुहैया करा रही है।
एयरलाइन के एक प्रवक्ता के अनुसार जिस समय यह घटना हुई, उस समय विमान में कुर्सी की पेटी बांधने का संकेत ऑन कर दिया गया था और पायलट एवं क्रू सदस्यों ने यात्रियों से बार बार अपने स्थान पर बैठे रहने एवं कुर्सी की पेटी बांधने का अनुरोध किया था। लेकिन कुछ यात्रियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और वायुमंडलीय दबाव के कारण जोर का झटका लगने से कुछ यात्री घायल हो गए। लेकिन दुर्गापुर पहुंचते ही घायल यात्रियों को तत्काल चिकित्सीय उपचार उपलब्ध कराई गई।