पुष्कर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के वैल्यू एजुकेशन सेंटर के तत्वावधान में पुष्कर के प्रदर्शनी स्थल पर आयोजित आध्यात्मिक प्रदर्शनी म्हारो भारत समृद्ध भारत में नशा मुक्ति स्टाल पर आगंतुक लोगों को नशा मुक्ति के लिए प्रेरित किया गया।
मौके पर ही कई लोगों ने खैनी, गुटखा आदि के पाउच, बीड़ी, सिगरेट आदि दानपात्र में डालकर शिवलिंग के ऊपर हाथ रखकर भविष्य में किसी तरह का नशा न करने की प्रतिज्ञा की।
नशा मुक्ति शिविर के अंदर होम्योपैथिक की दवा भी प्रदान की गई। इस तरह पुष्कर मेले में विभिन्न विषयों को लेकर जनजागृति के लिए आध्यात्मिक चित्र प्रदर्शनी एवं राजयोग मेडिटेशन अनुभूति कक्ष भी बनाया गया जिसमें स्वदेशी और विदेशी मेहमानों को राजयोग कराया गया।
ब्रह्माकुमारी अंकिता ने कहा कि वर्तमान समय में चारों और अत्याचार, भ्रष्टाचार, असत्य, हिंसा और अश्लीलता का बोलबाला है। अधर्म चरम सीमा पर है और पाप का घड़ा भर चुका है। मनुष्य दुखी और अशांत है। काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार के वशीभूत मानव के कृत्यों से कारण सारी धरती जल रही है।
यही वह समय है जब स्वयं परमात्मा को बुराई और अधर्म का विनाश कर अच्छाई, सत्य, धर्म की फिर से स्थापना करने के लिए धरती पर आना पड़ता है। वर्तमान समय में हम युग परिवर्तन काल से गुजर रहे हैं। यानी कलयुग की समाप्ति और सतयुग के आरंभ का समय यही है।
इस पावन बेला को संगम युग कहा जाता है। यही समय है जब स्वयं परमात्मा इस धरा पर अवतरित होते हैं और मनुष्य आत्माओं को पावन बनाकर सतयुग की पुन: स्थापना करतेे हैं। इस अवसर पर ब्रह्माकुमार महावीर बीके ओम प्रकाश, बीके पुरुषोत्तम, बीके मंगला भाई और बीके लता बहन आदि मौजूद रहे।