इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में निवासरत आध्यात्मिक संत उदय सिंह देशमुख (भय्यू महाराज) की पार्थिव देह पंचतत्व में विलीन हो गई। यहां स्थित सयाजी मुक्तिधाम में उनकी बेटी कुहू ने उन्हें मुखाग्नि दी।
भय्यू महाराज को श्रद्धांजलि देने और उनके अंतिम दर्शन के लिए केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले, महाराष्ट्र की कैबिनेट मंत्री पंकजा मुंडे और कांग्रेस नेता शोभा ओझा समेत इंदौर के कई स्थानीय नेता और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
इस अवसर पर मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात समेत कई अन्य राज्यों से भय्यू महाराज के अनुयायी हजारों की संख्या में यहां मौजूद रहे। इसके पहले भय्यू महाराज के आश्रम सूर्योदय से उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई।
भय्यू महाराज ने कल अपने घर मे अपनी रिवाल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। उनके कमरे से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ था, जिसके मुताबिक वे पारिवारिक कलह से तनाव में थे। इसके पहले बुधवार सुबह भय्यू महाराज की पार्थिव देह उनके अनुयायियों के अंतिम दर्शन के लिए उनके आश्रम में रखी गई।
बताया जा रहा है कि भय्यू महाराज के ग्वालियर की डॉ आयुषी के साथ दूसरा विवाह कर लेने के बाद से उनके घर में तनाव बेहद बढ़ गया था। उनकी बेटी उनके इस फैसले से बिल्कुल खुश नहीं थी, ऐसे में उनकी बेटी और पत्नी के बीच आए दिन तनाव रहता था।
भय्यू महाराज के करीबी लोगों के मुताबिक वे तनाव से बेहद परेशान थे। उनकी पहली पत्नी माधवी का कुछ साल पहले निधन हो गया था। भय्यू महाराज ने अपनी पूरी संपत्ति और आश्रम के संचालन की जिम्मेदारी अपने सेवादार विनायक को सौंपी है। विनायक उनके बहुत पुराने और विश्वस्त साथी हैं।
बताया यह भी जा रहा है कि पुणे में पढ़ रही उनकी बेटी कल इंदौर आने वाली थी, ऐसे में संभावित पारिवारिक तनाव को लेकर वे आशंकित थे और इसीलिए संभवतः उन्होंने यह कदम उठाया।