नई दिल्ली। चैंपियन धाविका दूती चंद ने रविवार को अपनी निजी जिंदगी से जुड़ा एक बड़ा खुलासा करते हुये बताया कि वह समलैंगिक हैं और उनके एक महिला के साथ रिश्ते हैं जिससे वह बेहद प्यार करती हैं।
100 मीटर की रिकार्डधारी और 2018 एशियाई खेलों में दो रजत जीतने वाली भारत की युवा धाविका ने बताया कि वह अपने गृह नगर ओडिशा के चाका गोपालपुर गांव की रहने वाली एक लड़की से प्रेम करती हैं और उसके साथ उनके संबंध हैं। दूती ने हालांकि अपनी प्रेमिका की पहचान उजागर नहीं की है।
दूती ने अखबार संडे एक्सप्रेस से साक्षात्कार में कहा कि मुझे कोई मिल गया है जिसके साथ मेरे गहरे संबंध है। सभी के जीवन में ऐसा एक इंसान होना चाहिए और सभी को उसके पसंद के व्यक्ति के साथ रहने की अनुमति होनी चाहिए। मैंने हमेशा समलैंगिक रिश्तों का समर्थन किया है क्योंकि यह किसी की व्यक्तिगत पसंद है।
दूती ने कहा कि फिलहाल मेरा पूरा ध्यान विश्व चैंपियनशिप और ओलंपिक खेलों पर लगा है लेकिन भविष्य में उसी के साथ अपना जीवन बिताना चाहती हूं। वर्ष 2018 के एशियाई खेलों की रजत विजेता दूती पहली भारतीय खिलाड़ी हैं जिन्होंने समलैंगिक होने की बात सार्वजिक तौर पर स्वीकारी है।
भारत में समलैंगिक विवाह के लिए कोई विशिष्ठ कानून नहीं है लेकिन इनके बीच लैंगिक संबंधों पर कोई रोक भी अब नहीं है। धारा 377 को गत वर्ष सितंबर में सर्वाेच्च अदालत ने अपराध के दायरे से बाहर कर दिया था।
दूती ने कहा कि सर्वाेच्च अदालत के गत वर्ष आए ऐतिहासिक फैसले के बाद ही उन्हें सार्वजनिक तौर पर अपने संबंधों को स्वीकारने की हिम्मत मिली है। उन्होंने साथ ही कहा कि उनके फैसले का सम्मान किया जाना चाहिये और वह इसके बावजूद देश के लिए पदक लाने के लिए मेहनत करती रहेंगी।
धाविका ने कहा कि मेरा हमेशा से मानना था कि सभी को प्यार करने की आज़ादी होनी चाहिए। प्यार से बड़ी और कोई भावना नहीं हो सकती है और इससे इंकार नहीं किया जा सकता। सर्वाेच्च अदालत ने भी पुराने कानून को समाप्त कर दिया है। किसी को भी मुझे बतौर एथलीट इसलिए आंकना नहीं चाहिए क्योंकि मैं एक महिला के साथ रहना चाहती हूं। यह मेरा निजी फैसला है जिसका सम्मान किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि वह देश के लिए पदक लाना जारी रखेंगी। दूती फिलहाल विश्व चैंपियनशिप के लिए तैयारियों में जुटी हैं और इसके बाद वह 2020 टोक्यो ओलंपिक के लिए ट्रेनिंग शुरू करेंगी।
गरीब परिवार में जन्मी दूती को पिछले कई वर्षाें से ‘जेंडर’ विवाद का सामना करना पड़ रहा है। वर्ष 2015 में हार्मोन टेस्ट में फेल होने के बाद उन्हें महिला नहीं होने जैसे विवादों को भी झेलना पड़ा था लेकिन वह देश के लिए खेलती रहीं और गत वर्ष एशियाई खेलों में उन्होंने 100 और 200 मीटर फाइनल्स में दूसरे स्थान पर रहते हुए रजत पदक जीते।
दूती ने इन खेलों की 100 मीटर स्पर्धा में भारत को 20 वर्षाें के अंतराल के बाद उसका पहला पदक जबकि 200 मीटर में 16 वर्षाें बाद उसका पहला पदक दिलाकर इतिहास रच दिया था।