कोलंबो। श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में रविवार को ईस्टर के अवसर पर तीन कैथोलिक चर्चो और तीन पांच सितारा होटलों को निशाना बनाकर किए गए बम धमाकों में कम से कम 290 लोगों की मौत हो गयी तथा 500 से अधिक लोग घायल हो गए। मृतकों में 32 विदेशी नागरिकों में अमरीका, ब्रिटेन, चीन, बेल्जियम और भारत के नागरिक शामिल हैं।
पुलिस प्रवक्ता एसपी रूवन गुनासेकारा ने इस मामले में अब तक 24 संदिग्धों को गिरफ्तार किए जाने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि जांच जारी है तथा सोमवार की सुबह डामबुल्ला से दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कहा है कि गिरफ्तार किए गए सभी संदिग्ध स्थानीय नागरिक हैं।
प्रधानमंत्री रानिल विक्रमासिंघे ने कहा कि हमले की आशंका को लेकर अलर्ट जारी होने के बावजूद इसे रोका नहीं जा सका। अमरीका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा है कि इन धमाकों में उसके कई नागरिक मारे गए हैं। पोम्पियो ने कहा कि अमरीका कड़े से कड़े शब्दों में इस आतंकवादी हमलों की निंदा करता है। भारत, इजराइल और चीन ने भी बर्बर हमलों की कड़ी निंदा की है। इन हमलों में भारत के तीन नागरिक मारे गए हैं।
सूत्रों के अनुसार घायलों को विभिन्न अस्पतालाें में भर्ती कराया गया है। जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक श्रीलंका की राजधानी काेलंबो और अन्य शहराें में चर्चों और होटलों को निशाना बनाकर कुल आठ धमाके किए गए। राजधानी के दो कैथोलिक चर्च में ईस्टर के मौके पर कई लोग प्रार्थना के लिए एकत्रित हुए थे।
इन हमलों को देखते हुए श्रीलंका सरकार ने व्हाट्सएप, वाइबर और फेसबुक सहित सोशल नेटवर्क और मैसेजिंग एप्स पर अस्थायी रूप रोक लगा दी है। श्रीलंका सरकार ने इस घटना के बाद आपातकालीन बैठक की है। शिक्षा मंत्रालय ने सभी स्कूलों को सोमवार और मंगलवार तक के लिए बंद रखने का निर्देश दिये हैं। सरकार ने सोमवार सुबह छह बजे तक राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू लगाया है।
सिलसिलेवार धमाकों के बाद शहर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्य जारी है। अब तक किसी भी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। देश भर में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है और अगले नोटिस तक यह जारी रहेगा।
विक्रमासिंघे ने धमाकों की कड़ी निंदा करते हुए इस मुश्किल समय में लोगों से एकजुट होने तथा गलत सूचनाओं पर विश्वास नहीं करने और शांति बनाए रखने की अपील की है। वित्त मंत्री मंगला समरवीरा ने ट्वीट किया कि चर्च और होटलों में ईस्टर रविवार बम धमाकों में निर्दोष लोग मारे गए हैं और ऐसा लगता है कि हत्या, अफरा तफरी और अराजकता फैलाने के लिए इसे बहुत व्यवस्थित तरीके से अंजाम दिया गया है।
श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति और विपक्षी नेता महिंदा राजपक्षे ने धमाकों की निंदा करते हुए इसे अमानवीय करार दिया है। श्रीलंका एयरलाइंस कंपनी ने कहा हमले के बाद कोलंबो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सुरक्षा उपायों को बढ़ाया गया है। स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार देश में आठ स्थानों पर विस्फोट हुए जिसमें से राजधानी काेलंबों के तीन चर्चों और तीन होटलों और शेष शहर के अन्य स्थानों पर हुए।
पहला विस्फोट कोचचिकाडे में सेंट एंथेनी चर्च में हुआ और अन्य विस्फोट कटुवापिटिया और कटाना के सेंट सेबेस्टियन चर्च में विस्फोट हुआ। पुलिस ने बताया कि राजधानी कोलंबो के ही तीन पांच सितारा होटल शंगरी-ला, सिनामन ग्रैंड और किंग्सबरी में भी धमाके हुए।
गौरतलब है कि ईसाई धर्म की मान्यताओं के अनुसार गुड फ्राइडे के तीसरे दिन ईसा मसीह दोबारा जीवित हो गए थे, जिसे ईसाई धर्म के लोग ईस्टर संडे के नाम से मनाते हैं।
श्रीलंका के रक्षामंत्री आर विजयवर्धन का कहना है कि ये आत्मघाती हमले हैं. अभी तक सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि खुफिया एजेंसियों ने हमले के बारे में सूचित किया था, लेकिन इससे पहले कि उन्हें रोका जाता धमाकों को अंजाम दे दिया गया। इसकीसाज़िश विदेश में रची गई।
इने धमाकों में तीन पुलिस अधिकारी भी मारे गए हैं। ये धमाका उस समय हुआ जब पुलिस अधिकारी कोलंबो में एक घर की तलाशी ले रहे थे। कोलंबो राष्ट्रीय अस्पताल ने मृतकों की संख्या की पुष्टि की है। श्रीलंका से प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी बयान में कहा गया है कि मृतकों में नौ विदेशी नागरिक भी शामिल हैं।