कोलंबो। श्रीलंका में सांप्रदायिक हिंसा के कारण मंगलवार को 10 दिन के लिए आपातकाल की घोषणा दी गई लेकिन इसके बावजूद यहां होने वाले त्रिकोणीय ट्वंटी 20 सीरीज़ के मैच निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही आयोजित किए जाएंगे और मेज़बान देश ने इनके लिए कड़ी सुरक्षा का आश्वासन दिया है।
सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि सांप्रदायिक हिंसा भड़काने वालों के खिलाफ ‘कड़ी कार्रवाई करने के लिए’ देश में आपातकाल की घोषणा की गई है। यह कदम श्रीलंका में बहुसंख्यक सिंहली बौद्ध और अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदायों के सदस्यों के बीच हुई झड़पों के बाद उठाया गया है। इसके अलावा फेसबुक के जरिये हिंसा भड़काने वालों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करने का फैसला किया गया है।
कुछ बौद्ध राष्ट्रवादी श्रीलंका में शरण मांगने के लिए म्यांमार से आए मुस्लिम रोहिंग्या लोगों की मौजूदगी का भी विरोध कर रहे हैं। इतना ही नहीं, कुछ कट्टर बौद्ध समूहों का मुसलमानों पर आरोप है कि वे जबरन लोगों काे धर्म परिवर्तन कर इस्लाम कबूल करा रहे हैं और बौद्धों के पुरातात्विक स्थलों को तहस-नहस कर रहे हैं।
इससे पहले साेमवार को कैंडी में कई दिन से जारी हिंसा को देखते हुए वहां कर्फ्यू लगाया गया था। अल जजीरा के अनुसार एक बौद्ध व्यक्ति मारा गया और मुस्लिम काराेबारी प्रतिष्ठानों को आग लगा दी गई। पुलिस के अनुसार कैंडी में पिछले सप्ताह दंगे और आगजनी की घटनाएं हुईं।
इस बीच, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के कार्यवाहक अध्यक्ष सी के खन्ना ने बताया कि मुंबई में बीसीसीआई के कार्यालय में श्रीलंका स्थित अधिकारियों से बात की और सुरक्षा की स्थिति का जायज़ा लिया। उन्होंने कहा कि मैचों का अायोजन कोलंबो में हो रहा है और घटना कैंडी की है। इसके बावजूद भारतीय खिलाड़ियों को सुरक्षा का पूरा आश्वासन दिया गया है। बीसीसीआई के अधिकारी लगातार श्रीलंका बोर्ड के संपर्क में हैं।
त्रिकोणीय सीरीज़ का पहला मैच भारत और श्रीलंका के बीच कोलंबो के आर प्रेमदासा स्टेडियम में आज शाम को खेला जाना है। इस टूर्नामेंट की तीसरी टीम बंगलादेश है। श्रीलंकाई अधिकारियों ने बीसीसीआई को सुरक्षा के प्रति आश्वस्त किया है और बताया है कि मैचों के लिये खिलाड़ियों को अतिरिक्त सुरक्षा दी जाएगी। टूर्नामेंट आज से शुरू होकर 18 मार्च तक खेला जाना है और इसके सभी मैच कोलंबो के आर प्रेमदासा स्टेडियम में होंगे।
गौरतलब है कि अतीत में श्रीलंका में धार्मिक और जातीय हिंसा खतरनाक रूप लेती रही है। यहां की दो करोड़ 10 लाख आबादी में मुस्लिमों की संख्या 10 प्रतिशत, बौद्ध सिंहलियों की संख्या लगभग 75 प्रतिशत और हिंदुओं की संख्या लगभग 13 प्रतिशत है। कुछ पर्यवेक्षक राष्ट्रवादी बौद्ध संगठन बोडु बाला सेना (बीबीएस) को इस हिंसा के लिए दोषी ठहरा रहे हैं। पिछले महीने दोनों संप्रदायों में झड़पों में पांच लोग घायल हो गए तथा कई दुकानें और धार्मिक स्थान क्षतिग्रस्त हो गए थे।