ब्रिस्टल । आईसीसी विश्वकप में उतार चढ़ाव से गुज़र रही श्रीलंकाई टीम शुक्रवार को यहां आत्मविश्वास से लबरेज़ पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के खिलाफ अपने विजय अभियान को बढ़ाने और अपनी स्थिति मज़बूत करने के इरादे से उतरेगी।
पाकिस्तान ने मेज़बान और खिताब की दावेदार इंग्लैंड टीम के खिलाफ दूसरे मुकाबले में 14 रन की उलटफेर भरी जीत से खुद को मज़बूत टीम के रूप में होड़ में शामिल करने का प्रयास किया है। इस प्रदर्शन की बदौलत उसे श्रीलंका के खिलाफ जीत की दावेदार के रूप में देखा जा रहा है, हालांकि न्यूजीलैंड से एकतरफा अंदाज़ में 10 विकेट से हारी श्रीलंकाई टीम ने भी पिछले मैच में अफगानिस्तान को 34 रन से हराकर वापसी का प्रयास किया है।
श्रीलंका की जीत को नवोदित टीम अफगानिस्तान के खिलाफ इस लिहाज़ से अहम माना जा सकता है कि वह अभ्यास मैचों में पाकिस्तान को पराजित कर चुकी है। ऐसे में पाकिस्तान के खिलाफ श्रीलंका को हल्के में नहीं लिया जा सकता है।
पाकिस्तानी कोच मिकी आर्थर ने भी अगले मुकाबले में अपनी टीम से आक्रामक प्रदर्शन के लिये कहा है। इंग्लैंड के खिलाफ ट्रेंट ब्रिज में विश्वकप मुकाबले से पूर्व पाकिस्तानी टीम ने लगातार 11 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच हारे थे। उसे विंडीज़ के खिलाफ नॉटिंघम में विश्वकप के पहले ही मुकाबले में सात विकेट से करारी हार झेलनी पड़ी थी, लेकिन अब पटरी पर लौटने के बाद उसकी कोशिश हर हाल में इस लय को कायम रखने की है।
इंग्लैंड के खिलाफ मैच में पाकिस्तानी टीम ने गेंदबाज़ी और बल्लेबाज़ी में शानदार प्रदर्शन दिखाया था। सरफराज़ अहमद की कप्तानी वाली टीम में इमाम उल हक (44 रन), बाबर आज़म(63 रन), मोहम्मद हफीज़(84 रन), सरफराज़ (55 रन) ने अपनी पारियों से टीम को 348 के मज़बूत स्कोर तक पहुंचाया और जीत की नींव रखी।
हालांकि गेंदबाज़ कुछ महंगे साबित रहे लेकिन अंतत: उन्होंने अपनी टीम के स्कोर का बचाव किया। पाकिस्तान के पास अच्छा बल्लेबाजी लाइनअप है जबकि गेंदबाज़ों में उसे लेग स्पिनर शादाब खान, तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद आमिर, अनुभवी तेज़ गेंदबाज़ वहाब रियाज़, हफीज़ और शोएब मलिक से एक बार फिर बेहतर प्रदर्शन की उम्मीदें रहेंगे। अपनी टीम में लगभग दो वर्ष के लंबे अंतराल पर लौटे रियाज़ ने इंग्लैंड के तीन विकेट निकाले थे लेकिन वह 82 रन देकर महंगे भी साबित हुये थे।
पाकिस्तान का विश्वकप में श्रीलंका के खिलाफ पिछला रिकार्ड भी काफी मज़बूत रहा है और उसने 1975 में अपने पहले टूर्नामेंट के बाद से श्रीलंकाई टीम के खिलाफ अपने सभी सात मैचों को जीता है। कप्तान सरफराज़ इस रिकार्ड को बनाये रखने के लिये इस बार बेहतर रणनीति के साथ उतर सकते हैं। अंतिम एकादश में तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद हसनैन को मौका दिया जा सकता है।
दूसरी ओर श्रीलंका को अफगानिस्तान के खिलाफ बारिश से प्रभावित मैच में मिली जीत से कुछ राहत ज़रूर मिली है लेकिन टीम की असल परीक्षा पाकिस्तान जैसी मजबूत टीम के खिलाफ होगी। वर्ष 1996 की चैंपियन रह चुकी श्रीलंका को अपने मध्यक्रम में सुधार की ज़रूरत है। टीम ने न्यूजीलैंड के खिलाफ 14 रन पर अपने पांच विकेट गंवा दिये थे जबकि अफगानिस्तान के खिलाफ भी केवल कुशल परेरा ही 78 रन की उपयोगी पारी खेल सके थे जबकि मध्यक्रम के चार बल्लेबाज़ शून्य और दो रन पर आउट हुये।
हालांकि गेंदबाज़ों में लसित मलिंगा 39 रन पर तीन विकेट लेकर सबसे उपयोगी रहे थे। वहीं नुवान प्रदीप ने 31 रन पर सर्वाधिक चार विकेट निकाले थे और पाकिस्तान के खिलाफ गेंदबाज़ों की अहम भूमिका रहेगी। सुरंगा लकमल, तिषारा परेरा और धनंजय डी सिल्वा टीम के अन्य उपयोगी गेंदबाज़ हैं।