कोलंबो। श्रीलंका में अभिनेत्री से राजनीतिज्ञ बनीं गीता कुमारसिंघे भीड़ द्वारा अपने घर पर हमला करने और उसे क्षतिग्रस्त करने से इतनी दुखी हुईं कि वह शुक्रवार को संसद में रो पड़ीं। गीता ने कहा कि उन्होंने स्विटजरलैंड में आरामदायक जीवन को छोड़ अपने वतन (श्रीलंका) लौटने का गलत फैसला लिया था।
गीता शुक्रवार को खुद पर हुए हमले पर संसद में बोलते हुए भावुक हो गईं। वह सत्तारूढ़ श्रीलंका पोडुजना पेरामुना (एसएलपीपी) की नेता एवं गाले जिला से सांसद है। उन्होंने नौ मई को हुए हमले और आगजनी की घटना में अंतरराष्ट्रीय पर जीते गए अपने पुरस्कारों को खो दिया।
श्रीलंका की मीडिया ने शनिवार को अपनी रिपोर्ट में कहा कि उन्होंने अपने जोशीले भाषण के दौरान कहा कि उन्होंने अपनी स्विटजरलैंड की नागरिकता अपने जिले के लोगों की सेवा करने के लिए छोड़ दी। इसके बावजूद उन पर क्रूर तरीके से हमला किया गया।
उन्होंने कहा किमैंने किसी के साथ गलत नहीं किया है। एक अकेली महिला के तौर पर मैं अपने बुते इस सफर में यहां तक आई हूं। आज जहां मैं खड़ी हूं, उसके लिए मैंने अपने दम पर संघर्ष किया है।
उन्होंने कहा कि हमलावर तलवार और चाकू के साथ आए थे और वह (सुश्री गीता) डर के मारे अपने कमरे में छिप गई थीं क्योंकि हमलावर भीड़ उस घर में घुस चुकी थी, जिसे उन्हें अपने पिता से मिली जमीन पर बनाया है।
उन्होंने कहा कि मैं सोचती हूं कि मुझे राजनीति छोड़ देनी चाहिए। जब इस तरह से हमले होंगे, तो हम राजनीति को कैसे जारी रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि वे लोग कहते हैं कि महिलाओं को राजनीति में आना चाहिए और तब महिलाओं पर हमला करते हैं।