अजमेर। ठाकुरजी की शरणागत पानी है तो छल, कपट और वासना छोडनी होगी। भगवान कृष्ण तो भक्तों के दास है, उन्हें सच्चे मन से याद करेंगे तो उन्हें आना ही पडेगा। हां, परमात्मा हमेशा परमात्मा रहते हैं, भले ही वे अलग अलग अवतार में जन्म लें। ठाकुरजी तो ठाकुरजी ही रहेंगे। गुण दोष तो जीव में आते हैं, भगवान में नहीं।
ये बात रविवार को कथावाचक नीना शर्मा दीदी ने श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन मतस्य अवतार के प्रसंग के परिप्रेक्ष्य में कही। उन्होंने कहा कि जीव को अगर थोडा मिल जाता है तो और पाने की लालसा बढ जाती है। जीव अगर परमात्मा के चरणों में खुद को समर्पित कर दे तो संसार रूपी नैया पार हो जाए।
उन्होंने भगवान कृष्ण के मथुरा में जन्म और वृंदावन तक उन्हें लाए जाने के वृतांत का वर्णन सुनाया तो श्रोता भक्तिरस में गोते लगाने लगे। लाडली घर की दृष्टिबाधित कन्याओं ने इस मौके पर ठाकुरजी के स्वांग रचे। कृष्ण रूप धरे अबोध बालक के कथा पांडाल में प्रवेश करते ही स्वागत को भक्त उमड पडे। राधा कृष्ण के जयकारों से पांडाल गूंज उठा।
इसी तरह राम दरबार में राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान के रूप धारण कर दृष्टिबाधित कन्याओं ने सबका मन मोह लिया। कथावाचक दीदी ने राम के चार रूपों की व्याख्या करते हुए कहा भगवान के चार रूप बताए गए हैं। एक राम वे जो राजा दशरथ के बेटे हैं, दूसरे जो घट घट में बसते हैं, तीसरे राम वे जो सकल संसार में व्याप्त हैं और राम का चौथा रूप तो सबसे न्यारा है।
कथा से पूर्व लाडली घर की कन्याओं ने भजन तथा गणेश वंदना प्रस्तुत की। राष्ट्र संत कृष्णानंद गुरुदेव के सान्निध्य में चल रही कथा का समय प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक रखा गया है।
श्रीराम नाम महामंत्र परिक्रमा का सिलसिला जारी
भागवत कथा पांडाल में श्रीराम नाम महामंत्र परिक्रमा का भी आयोजन हो रहा है। 60 अरब हस्तलिखित राम नाम महामंत्रों से परिपूर्ण पुस्तिकाओं में से आंशिक पुस्तिकाओं को धर्मप्रेमियों के लिए दर्शनार्थ और परिक्रमा करने के निमित्त रखा गया है। सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे तक भक्तजन परिक्रमा का लाभ ले सकते हैं। मौके पर राम नाम लेखन के इच्छुक राम भक्तों को निशुल्क पुस्तिकाएं दी जा रही हैं। अधिक जानकारी के लिए श्रीराम नाम धन संग्रह बैंक के व्यवस्थापक न्यासी बालकृष्ण पुरोहित से 9414002930 पर संपर्क किया जा सकता है।