लखनऊ । समूचे उत्तर प्रदेश में साल के अंत तक बिजली पहुंचाने के लक्ष्य को पूरा करने की कवायद में जुटी उत्तर प्रदेश सरकार अगले 45 दिनों में 35 लाख घरों में बिजली कनेक्शन वितरित करेगी।
सरकार का दावा है कि उसने पिछले पांच महीने में 48 लाख परिवारों को बिजली कनेक्शन मुहैया कराये हैंं। इसके बावजूद राज्य में अभी 11 लाख 80 हजार घरों में वैध बिजली कनेक्शन पहुंचाने बाकी है।
सूबे के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने गुरूवार को यूनीवार्ता से कहा “ हमने ऊर्जा क्षेत्र में विशाल मूलभूत ढांचा तैयार कर लिया है। वर्ष 2021 तक ग्रामीण इलाकों में परंपरागत बिजली तारों के स्थान पर एरियल बंच कंडक्टर (एबीसी) तारों का संजाल बिछा दिया जायेगा। इससे बिजली चोरी रोकने में मदद मिलेगी। इसके लिये सरकार ने एडीबी से 10 करोड रूपये का कर्ज लिया है। ”
शर्मा ने कहा “ सरकार ग्रामीण और शहरी इलाकों में निवास कर रहे सभी परिवारों को बिजली कनेक्शन देने के लिये कटिबद्ध है। हमने इसके लिये एक चार्ट तैयार किया है और 2034 तक के लिये लक्ष्य निर्धारित किये हैं कि राज्य में हर एक को निर्बाध बिजली मिल सके। हमने हर साल ग्रिड क्षमता को 3000 मेगावाट बढाने की दिशा में काम शुरू कर दिया है जिसका परिणाम है कि पिछले साल 18 हजार 500 मेगावाट की तुलना में इस साल ग्रिड क्षमता 22 हजार 500 मेगावाट हो गयी है। ”
उन्होने कहा कि सरकार की कोशिश है कि किसान और घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली से संबधित हर सुविधा मिले। समय पर बिजली के बिल का भुगतान करने वाले उपभोक्ता को पांच फीसदी की छूट भी दी जा रही है। महानगरों में निर्बाध विद्युत आपूर्ति संबंधी सरकार के दावे को लेकर मंत्री ने कहा कि पहले चरण में एनसीआर, लखनऊ,कानपुर और वाराणसी को नो ट्रिपिंग जोन चुना गया है जबकि दूसरे चरण में 48 और शहरों को इस श्रेणी में लाया जायेगा।
उन्होने कहा कि सरकार बिजली चोरी के लिये अति गंभीर है। इस दिशा में दिसम्बर तक सभी 75 जिलों में नये बिजली पुलिस थाने बन जाने की संभावना है। यह थाने बिजली चोरों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे और जरूरत पडने पर बिजली चोरों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की जायेगी।