जयपुर। जानकी नवमी के पावन पर्व पर मंगलवार को अम्बाबाडी स्थित बालिका आदर्श विद्या मंदिर में जानकीयों को उनके राम मिले। अवसर था सेवा भारती राजस्थान और श्रीराम-जानकी विवाह समिति की ओर से आयोजित आठवें सर्वजातीय सामूहिक विवाह सम्मेलन का।
हिंदू समाज में सामाजिक समरसता का वातावरण बनाने और जातिगत बंधनों को तोड़ने के लिए इस प्रकार के सम्मेलनों का आयोजन किया जाता है। सम्मेलन में हिंदू समाज की अलग अलग 17 जातियों के 41 जोड़े वैवाहिक बंधन में बंधे। इस वर्ष सम्पन्न हुए सम्मेलन में धुमंतु जाति के जोडे भी परिणय सूत्र में बंधे।
सेवा भारती महिला मंडल की सदस्यों ने दुल्हनों की मां की भूमिका निभाई, जिसमें वे दुल्हनों को संजाने, संवारने से लेकर उनकी गृहस्थ की वस्तुओं के साथ विदाई भी की। इसके अतिरिक्त महिला मंडल ने इस सम्मेलन के लिए आर्थिक सहयोग भी जुटाया है।
सेवा-समर्पण-सहयोग से हुआ आयोजन
सेवा भारती द्वारा आदर्श विद्या मंदिर विद्यालय परिसर में आयोजित इस सर्वजातीय विवाह सम्मेलन में सेवा, समर्पण और सहयोग का अनुपम रूप देखने को मिला। समाज के सैकडों बन्धुओं ने वर-वधु के परिवार के रूप में हर व्यवस्था को सम्भाला और विवाह संस्कार सम्पन्न करवाया। यह आयोजन समाज में समरसता का सन्देश प्रदान करने वाला रहा, जिसमें में न जाति का बन्धन दिखा न छोटे-बडे, अमीर गरीब का भाव, हर व्यक्ति ने अपनी श्रद्धा अनुसार तन-मन-धन का सहयोग प्रदान किया।
एक स्थान पर सभी अतिथियों की भोजन व्यवस्था
राम जानकी विवाह सम्मेलन में वर-वधु के परिवार, मित्रों तथा अन्य अतिथियों के लिए भोजन व्यवस्था एक पाण्डाल में सामूहिक रूप से की गई। इसमें सेवाभारती और अन्य संगठनों से जुडे कार्यकर्ताओं ने सेवाएं दीं।
नवविवाहितों को मिला संतों का आशीर्वाद
नव दंपतियों को आशीर्वाद प्रदान करने के लिए संत हरिशंकर दास महाराज, संत मुन्नादास खोड़ा के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक और सेवा भारती के संगठन मंत्री मूलचन्द सम्मेलन में उपस्थित रहे। विवाह समिति के संयोजक नवल बगड़िया ने बताया कि त्रिवेणीधाम के संत नारायणदासजी महाराज, रेवासाधाम के स्वामी डॉ. राधवाचार्य वेदांती के आशीर्वाद और परम सानिध्य में इस सम्मेलन का आयोजन हुआ।
सात साल से हो रहा है सर्वजातीय विवाह सम्मेलन
श्रीराम जानकी विवाह समिति की ओर से आयोजित यह जयपुर में आयोजित होने वाला आठवां सम्मेलन सम्पन्न हुआ। विवाह समिति की ओर से 7 वर्षों में राजस्थान में 1409 जोड़ों का विवाह संपन्न करवाया गया है। इनमें जयपुर शहर में 359 जोड़ों का सामूहिक विवाह 2018 तक करवाया गया है।