अजमेर/पुष्कर। श्रीरंगनाथ वेणुगोपाल पुराना रंगजी मंदिर पुष्कर तथा संस्कार भारती अजयमेरु के संयुक्त तत्वावधान में पांचवें साल भी श्रीरंगम संगीत महोत्सव परवान चढ रहा है। रविवार को नौवां दिन महाकाल की नगरी उज्जैन से पधारी कला साधक अर्चना तिवारी, माधव तिवारी व राजेश्वरी के भजनों से सराबोर रहा।
रंगजी के चरणों में प्रस्तुत कार्यक्रम का शुभारंभ तीनों कला साधकों ने मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन कर किया। सर्वप्रथम गणपति वंदना के साथ गणपति की पूजा अर्चना की गई। मीरां के पद म्हारा सांवरा गिरधारी पूर्व जन्म की रीत निभाई… और कान्हा मुझको भी रंग ले अपने ही रंग में…. प्रस्तुति के साथ ही मंदिर परिसर तालियों की गडगडाहट से गूंज उठा।
श्रावण मास में भगवान भोले शंकर को समर्पित जय शिव शंकर जय गंगाधर जय महाकाल… और उसके पश्चात ओम नमः शिवाय शिव जी कैलाश विराजे शंकर जी कैलाश जी…एवं महादेव शिव शंकर शंकर महादेव… की प्रस्तुति दी तो सारा प्रांगण शिवमय हो गया।
श्रीकृष्ण को समर्पित धुनी जब गाई गई तो समस्त श्रोता भी तालियों की गड़गड़ाहट के साथ गुनगुनाने लगे। कार्यक्रम देर रात तक चलता रहा।
अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त नगाड़ा वादक नाथू लाल सोलंकी ने कला साधकों का सम्मान किया। कार्यक्रम का संचालन लता शर्मा ने तथा महेंद्र सिंह चौहान, डॉक्टर सुरेश बबलानी व कंचन ने आगंतुक अतिथियों का स्वागत किया।