कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में विशेष अदालत ने बुधवार को सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालय घोटाला मामले में पार्थ चटर्जी की जमानत याचिका खारिज करते हुए तथा उनकी और अर्पिता मुखर्जी की न्यायिक हिरासत की अवधि 14 दिन और बढ़ा दी है।
अदालत की रिपोर्ट में कहा गया है कि मामले की अगली सुनवाई 14 सितंबर को होगी। पार्थ की ओर से पेश अधिवक्ता ने जमानत के लिए कई तर्क अदालत के समक्ष रखे। प्रवर्तन निदेशालय के वकीलों ने अदालत को बताया कि गिरफ्तार मंत्री घोटाले का मास्टरमाइंड है और जेल में भी उसका बहुत प्रभाव है तथा कई महत्वपूर्ण दस्तावेज तक उसकी पहुंच है। इसलिए ईडी हिरासत अवधि में सुनवाई चाहती है।
अदालत के सूत्रों ने बताया कि अर्पिता की ओर से जमानत की याचिका नहीं दायर की गई। न्यायाधीश जीबोन कुमार साधु ने ईडी के अनुरोध पर पूर्व मंत्री की जमानत याचिका को खारिज करते हुए दोनों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
उल्लेखनीय है कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पूर्व शिक्षा और वाणिज्य मंत्री की कथित धनशोधन और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की अनियमित नियुक्तियों के मामले उनकी गिरफ्तारी के बाद उन्हें 23 जुलाई को महासचिव पद से हटा दिया गया था। ईडी को तलाशी के दौरान मुखर्जी के आवासों से करीब 50 करोड़ रुपए नकद और 4.5 करोड़ रुपए के सोने के आभूषण बरामद हुए थे।