नयी दिल्ली । भारतीय रेल के स्टेशनों के विकास के लिए भारतीय स्टेट बैंक से ऋण मिल सकेगा। रेल मंत्रालय में आज दोपहर भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम लिमिटेड (आईआरएसडीसी) आैर भारतीय स्टेट बैंक एवं एसबीआई कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड के बीच इस आशय के एक करार पर हस्ताक्षर किये गये। इस मौके पर भारतीय स्टेट बैंक के अध्यक्ष अजित बासु और रेलवे बोर्ड के सदस्य (इंजीनियरिंग) एवं आईआरएसडीसी के मानद अध्यक्ष विश्वेश चौबे मौजूद थे।
चौबे ने बताया कि आरंभ में देश के 50 रेलवे स्टेशनों को माइक्रो स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक और एसबीअाई कैपमार्केट से ऋण लिया जा सकेगा और ऋण की कोई सीमा भी नहीं होगी। यह ऋण आने वाले 15 से 20 वर्षों के दौरान लिया जाएगा। बासु ने प्रसन्नता व्यक्त की कि स्टेट बैंक रेलवे स्टेशनों के विकास में सहभागी होगा। उन्होंने रेलवे में निवेश की सुरक्षा के प्रति पूर्ण आश्वस्त कराते हुए कहा कि स्टेशनों को टाउनशिप में बदल कर न केवल आर्थिक वृद्धि को गति मिलेगी बल्कि रोज़गार भी बढ़ेगा।
आईआरएसडीसी के प्रबंध निदेशक एस.के. लोहिया ने बताया कि लगभग 50 स्टेशनों को विकास के लिए चुना गया है। इसके लिए आरंभ में 50 हजार करोड़ रुपये की जरूरत होगी और अगर स्टेशनों का वाणिज्यिक विकास किया जायेगा तो एक लाख करोड़ रुपये से कुछ अधिक की राशि की जरूरत होगी।
भारतीय स्टेट बैंक और निगम के बीच इस करार से निवेश की सुरक्षा का भरोसा कायम होगा और स्टेशन के विकास या पुनर्विकास के लिए निविदा प्रक्रिया में भाग लेने वाले निजी डेवेलेपर भी बैंक से आसानी से ऋण ले सकेंगे। लोहिया ने कहा कि बैंक के ऋण की कोई सीमा नहीं होगी। परियोजना की व्यवहार्यता को देखते हुये ऋण राशि तय की जायेगी। ऋण अनुबंध के नियम एवं शर्तें बाद में तय की जायेंगी।