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State goverment took strict step in sirohi - Sabguru News
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खटाई में पड़ा विवादित पेट्रोल पम्प, ये किया राज्य सरकार ने

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खटाई में पड़ा विवादित पेट्रोल पम्प, ये किया राज्य सरकार ने
सिरोही में निर्माणाधीन विवादित पेट्रोल पंप
सिरोही में निर्माणाधीन विवादित पेट्रोल पंप

सिरोही। सिरोही जिला मुख्यालय पर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के पास बनाए गए पेट्रोल पम्प का भू-रुपांतरण राज्य सरकार ने निरस्त कर दिया है। इस पेट्रोल पम्प का संचालन बंद होने का एकमात्र रास्ता यही था। इसका इशारा सिर्फ और सिर्फ सबगुरु न्यूज ने पहले ही कर दिया था।

इसका भू-उपयोग परिवर्तन गलत तरीके से और राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश के बाद दी गई रियायत को दुरुपयोग करते हुए दिया गया था। इस बात को सबगुरु न्यूज ने पहले ही बता दिया था कि पेट्रोल पम्प का भू-रुपांतरण राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन है। इस प्रकरण को सबगुरु न्यूज ने फरवरी 2022 में पहली बार उजागर किया था।

उल्लेखनीय है कि इसके भू-उपयोग परिवर्तन करने के लिए निकाय स्तरीय एम्पावर्ड कमिटी ने इसे जनहित का मामला मानते हुए राज्य स्तरीय भू-उपयोग परिवर्तन समिति को सिफारिश की थी। इसी के आधार पर सिरोही नगर परिषद बोर्ड ने सिरोही विधायक संयम लोढ़ा की मौजूदगी में बोर्ड की विशेष बैठक आयोजित करके इस भू-उपयोग परिवर्तन को निरस्त करने के लिए प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा था।

भू-रुपांतरण करने के लिए ये किया था अधिकारियों ने

इस अनियमितता की जड़ है राजस्थान हाईकोर्ट का वह निर्णय जो गुलाब कोठारी बनाम राजस्थान सरकार के वाद में 12 जनवरी 2017 को दिया गया था। ये वाद मास्टर प्लान के विपरीत शहरी विकास करने को लेकर दायर किया गया था। इसमें राज्य सरकार को ये निर्देशित किया गया था कि व्यापक जनहित के मामले को छोड़कर शेष मामलों में बिना जोनल प्लान के मास्टर प्लान के विपरीत भू-उपयोग परिवर्तन नहीं किया जा सकता है।

इस व्यापक जनहित के मामले को ही परिभाषित करते हुए नगरीय विकास एवं आवासन विभाग ने 23 मई 2018 को राज्यपाल की आज्ञा से एक आदेश निकाला। इस आदेश के अनुसार पेट्रोल पम्प को भी आमजन की सुविधा में व्यापक जनहित का माना जाएगा, बशर्ते उस प्रस्तावित पेट्रोल पम्प की दो किलोमीटर की परिधि में ही कोई दूसरा पेट्रोल पम्प नहीं हो।

सिरोही का विवादित पेट्रोल पम्प मास्टर प्लान 2030 के तहत रेजीडेंशियल जोन में पडऩे वाली भूमि में आता है। ऐसे में गुलाब कोठारी के निर्णय से इसका व्यावसायिक भू-उपयोग परिवर्तन नहीं किया जा सकता है। लेकिन, राज्य सरकार के 23 मई 2018 के आदेश के अनुसार इसे जनहित का माना जा सकता है बशर्ते इसकी दो किलो मीटर की परिधि में कोई दूसरा पेट्रोल पम्प नहीं हो।

सिरोही के पेट्रोल पम्प के मामले में इसी नियम को तोड़-मरोड़कर एम्पावर्ड कमिटी ने इस पेट्रोल पम्प के दो किलोमीटर की परिधि में पेट्रोल पम्प होने के बावजूद हजम नहीं होने वाली दलीलें देकर इसे जनहित का मामला बता दिया।

निकाय स्तरीय भू-उपयोग परिवर्तन की जिस एम्पावर्ड कमिटी ने ये निर्णय किया उसके स्थाई सदस्य निकाय के सभापति, आयुक्त, वरिष्ठ अभियंता और वरिष्ठ नगर नियोजन अधिकारी होते हैं। बैठक में आयुक्त ने बताया कि 13 मार्च 2020 को एम्पावर्ड समिति की जिस बैठक में उच्च न्यायालय के आदेश की गली निकाली गई उसमें सभापति, आयुक्त वरिष्ठ अभियंता बैठे थे। उस समय सभापति महेन्द्र मेवाड़ा और आयुक्त शिवपालसिंह राजपुरोहित थे।

जनहित का बताने को ये दी है दलील

एम्पावर्ड कमिटी के बैठक में दो किलोमीटर में तीन पेट्रोल पम्प के पडऩे पर भी नए पेट्रोल पम्प को जनहित की श्रेणी में डालने के लिए जो दलील दी वो स्पष्ट बता रही है कि किस तरह से भू-उपयोग परिवर्तन के लिए झोलझाल किया। इस दलील में बताया कि राजमाता धर्मशाला स्थित पेट्रोल पम्प की दूरी परिधि के 1.02 किलोमीटर व सड़क से दूरी 1.80 किलोमीटर है। यहां सिर्फ पेट्रोल मिलता है डीजल नहीं, इससे जनता को समस्या आती है।

तीन बत्ती चौराहे पर स्थित पेट्रोल पम्प के लिए एम्पावर्ड कमिटी ने दलील दी कि इसकी परिधि से दूरी 750 मीटर है व सडक से दूरी 1.30 किलोमीटर है। यहां पर बडे वाहनों की बहुत भीड़ रहती है, जिससे छोटे वाहनों को दिक्कत होती है।

वही डीटीओ ऑफिस के पहले स्थित पेट्रोल पम्प के लिए दलील दी गई कि इसकी परिधि 1. 85 किलोमीटर और सड़क से दूरी 2.1 किलोमीटर है। इस मार्ग पर बड़े वाहनों का आवगमन रहता है। इसलिए छोटे वाहन नहीं जा पाते।

इसमें यह प्रस्ताव लिया कि प्रस्तावित पेट्रोल पम्प के सामने से जाने वाली सड़क कई सरकारी कार्यालयों से जुड़ती है। इनके वाहन इसी मार्ग से जाते हैं। इस मार्ग पर कालन्द्री तक एक भी पेट्रोल पम्प नहीं है इसलिए इस पेट्रोल पम्प की जनहित में आवश्यकता है।

इनका कहना है….

राज्य स्तरीय भू-उपयोग परिवर्तन समिति ने पेट्रोल पम्प का भू-उपयोग परिवर्तन निरस्त कर दिया है। इसकी सूचना नगर परिषद आयुक्त को भेज दी थी और प्रतिलिपि मेरे पास भी आई है।

डॉ भंरवलाल
कलक्टर, सिरोही।