सबगुरु न्यूज-सिरोही। नए मेडिकल कॉलेज के लिए कोलार में भूमि आवंटित कर दी गई है। राज्य सरकार ने सिरोही जिले कलेक्टर द्वारा 6 सितंबर को भेजे गए पत्र के जवाब में ये स्वीकृति प्रदान की है।
इससे पहले जिला कलेक्टर द्वारा राज्य पिंडवाड़ा मार्ग पर बालदा ग्राम पंचायत में करीब भूमि देखी गई थे। लेकिन, राज्य सरकार द्वारा सिरोही और नागौर के मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए उपयुक्तता जानने के लिए बनाई गई समिति के दौरे के बाद बालदा कि जगह कोलार की भूमि को चिन्हित किया गया था। ये भूमि भी राष्ट्रिय राजमार्ग पर पड़ती है।
-किस्म परिवर्तित कर क्षतिपूर्ति भी की
सिरोही मेडिकल कॉलेज के लिए कोलार में जो भूमि देखी गई थी वो गोचर थी। नियमानुसार जिला स्तर पर इसकी किस्म परिवर्तित नहीं कि जा सकती थी। इसका अधिकार राज्य सरकार के पास ही है। राज्य सरकार ने राजस्थान में भो राजस्व नियम 1963 में दिए अधिकारों का प्रयोग करते हुए दो खसरों की 50 बीघा भूमि की किस्म शिक्षण संस्थाओं के उपयोग के लिए गोचर से परिवर्तित करने की स्वीकृति दी है।
-बिना क्षतिपूर्ति नहीं हो सकती किस्म परिवर्तन
गोचर भूमि की किस्म परिवर्तन करना इतना आसान कार्य नहीं है। उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के आदेशानुसार किसी भी ग्राम पंचायत में गोचर और वन भूमि का क्षेत्र कम नहीं किया जा सकता। जन उपयोगी कार्यों के लिये वन भूमि की किस्म परिवर्तन का अधिकार केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को है। वहीं गोचर के लिए ये अधिकार राज्य सरकार को। लेकिन ये उसी स्थिति में है जबकि उतनी ही भूमि गोचर या वन क्षेत्र के लिए फिर से आवंटित की जाये।
राज्य सरकार ने सिरोही मेडिकल कॉलेज के लिए गोचर भूमि की किस्म परिवर्तन करने के साथ ही इसी ग्राम पंचायत में अलग अलग खसरों में इतनी ही भूमि फिर से गोचर भूमि के लिए आरक्षित करने की स्वीकृति प्रदान की है। राज्य सरकार ने जिला कलेक्टर को इस भूमि को सिरोही में स्वीकृत नवीन मेडिकल कॉलेज के लिए निशुल्क आवंटित करने की स्वीकृति दी है। उल्लेखनीय है कि सिरोही के निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा की बजट सत्र के दौरान की गई मांग के बाद राज्य सरकार ने इस साल सिरोही में मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति प्रदान की है।