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state sponsored terrorism is the biggest threat says Modi in maldives-सरकार प्रायोजित आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा : मोदी - Sabguru News
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सरकार प्रायोजित आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा : मोदी

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सरकार प्रायोजित आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा : मोदी
state sponsored terrorism is the biggest threat says Modi in maldives
state sponsored terrorism is the biggest threat says Modi in maldives

माले। प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी ने आतंकवाद को वर्तमान समय की सबसे बड़ी चुनौती बताते हुए पाकिस्तान का नाम लिए बिना शनिवार को कहा कि सरकार प्रायोजित आतंकवाद से निपटने के लिए एकजुट होने की जरूरत है और इसे धन तथा प्रश्रय देने वालों को अलग-थलग किया जाना चाहिए।

मोदी ने मालदीव की संसद ‘मजलिस’ को संबोधित करते हुए कहा कि आतंकवादियों के न तो अपने बैंक होते हैं और न ही हथियारों की फैक्टरी, फिर भी उन्हें धन और हथियारों की कभी कमी नहीं होती। उन्होंने सवाल किया कि वे यह सब कहां से पाते हैं और उन्हें ये सुविधाएं कौन देता है।

उन्होंने कहा कि सरकार प्रायोजित आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है। यह बहुत बड़ा दुर्भाग्य है कि लोग अभी भी ‘अच्छे आतंकवादी’ और ‘बुरे आतंकवादी’ का भेद करने की गलती कर रहे हैं। पानी अब सिर से ऊपर निकल रहा है। आतंकवाद और चरमपंथ से निपटना विश्व के नेतृत्व की सबसे खरी कसौटी है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी देशों को आतंकवाद से उसी तरह एकजुट होकर निपटने की जरूरत है जिस तरह जलवायु परिवर्तन से निपटने की कोशिश की जा रही है। आतंकवाद को हराने और इसे पोषित करने वाली शक्तियों को दूर रखने की जरूरत है। इस अवसर को भारत और मालदीव को जाने नहीं देना चाहिए।

मोदी ने उम्मीद जताई कि आतंकवाद पर चर्चा के लिए विश्व शक्तियां एक तय समय सीमा में वैश्विक सम्मेलन का आयोजन करेंगी ताकि आतंकवाद से जुड़े सभी मुद्दों तथा आतंकवादियों और उनके समर्थकों द्वारा व्यवस्था में जिन कमी का फायदा उठाया जा रहा है, उन पर चर्चा की जा सके। उन्होंने कहा कि कोई ऐसा दिन नहीं गुजरता, जब आतंकवाद दुनिया के किसी देश में अपना बदसूरत चेहरा न दिखाए।

उन्होंने कहा कि आतंकवाद से निपटने में अब और देरी नहीं होनी चाहिए तथा साथ ही चेतावनी भी दी कि अगर इसमें और देरी की गयी तो आने वाली पीढ़ियां हमें माफ नहीं करेंगी।

हिंद-प्रशांत क्षेत्र का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह क्षेत्र हमारी जीवन रेखा है और व्यापार का राजमार्ग भी है। यह हर मायने में हमारे साझा भविष्य की कुंजी है इसलिए मैंने जून 2018 में सिंगापुर में बोलते हुए हिंद-प्रशांत क्षेत्र में खुलापन, एकीकरण एवं संतुलन कायम करने के लिए सबके साथ मिलकर काम करने पर ज़ोर दिया था।

उन्होंने कहा कि मैं यह भी कहना चाहता हूँ कि भारत अपनी शक्ति और क्षमताओं का उपयोग केवल अपनी समृद्धि और सुरक्षा के लिए ही नहीं करेगा बल्कि इस क्षेत्र के अन्य देशों की क्षमता के विकास में, आपदाओं में उनकी सहायता के लिए, तथा सभी देशों की साझा सुरक्षा, संपन्नता और उज्ज्वल भविष्य के लिए करेगा। समर्थ, सशक्त और समृद्ध भारत दक्षिण एशिया और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में ही नहीं, पूरे विश्व में शांति, विकास और सुरक्षा का आधार स्तम्भ होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और मालदीव के बीच विकास साझेदारी को और मजबूत करने के लिए हमने मालदीव के आम नागरिकों को लाभ पहुंचाने वाली परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने कहा कि भारत में संसदीय चुनाव और मालदीव में राष्ट्रपति और मजलिस के चुनावों के जनादेश से स्पष्ट है कि हमारे दोनों देशों के लोग स्थिरता और विकास चाहते हैं। ऐसे में, जन-केन्द्रित और समावेशी विकास तथा सुशासन की हमारी जिम्मेदारी और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।

मोदी ने राष्ट्रपति सोलिह के साथ बातचीत को ‘विस्तृत और उपयोगी’ बताते हुए कहा कि हमने आपसी हितों के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों के साथ-साथ द्विपक्षीय सहयोग की विस्तार से समीक्षा की है। हमारी साझेदारी की भावी दिशा पर हमारे बीच पूर्ण सहमति है। उन्होंने कहा कि श्री सोलिह के सत्ता में आने के बाद से द्विपक्षीय सहयोग की गति और दिशा में मौलिक बदलाव आया है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति सोलिह की दिसंबर 2018 में भारत यात्रा के दौरान घोषित 1.4 अरब डॉलर के वित्तीय पैकेज से मालदीव की तत्कालीन वितीय आवश्यकताओं की पूर्ति हुई ही है, साथ ही सामाजिक प्रभाव हासिल करने के लिए कई परियोजनाएं शुरु की गयीं हैं। इसके साथ ही 80 करोड़ डॉलर के ऋण के अंतर्गत विकास कार्यों के नये रास्ते भी खुले हैं।

उन्होंने कहा कि आज हमारा द्विपक्षीय सहयोग मालदीव में सामान्य जन-जीवन के हर पहलू को छू रहा है। विभिन्न द्वीपों पर पानी और सफाई की व्यवस्था, छोटे और लघु उद्योगों के लिए पर्याप्त वित्त व्यवस्था, बंदरगाहों का विकास, कांफ्रेंस और कम्युनिटी सेंटर्स का निर्माण, क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण, आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं, एम्बुलेंस सेवा, तटीय सुरक्षा सुनिश्चित करना, आउटडोर फिटनेस उपकरण की व्यवस्था, नशा मुक्ति केन्द्र, विद्यार्थियाें के लिए द्रुतगामी नौका सेवा, कृषि और मत्स्य पालन तथा नवीकरणीय ऊर्जा और पर्यटन के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच बहुआयामी सहयोग हो रहा है।

आज उन्हें मालदीव के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित करके उन्हें ही नहीं बल्कि पूरे भारतवर्ष को एक नया गौरव दिया है। निशान इज्जुद्दीन का सम्मान उनके लिए हर्ष और गर्व का विषय है। यह उनका नहीं बल्कि दोनों देशों के बीच मित्रता और घनिष्ठ संबंधों का सम्मान है। इसे वह बड़ी विनम्रता और आभार के साथ सभी भारतीयों की ओर से स्वीकार करते हैं।

उन्हाेंने कहा कि भारत मालदीव के साथ अपने संबंधों को सबसे अधिक महत्व देता है। हम एक दूसरे के साथ एक गहरी और मजबूत साझेदारी चाहते हैं। एक समृद्ध, लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण मालदीव पूरे क्षेत्र के हित में है। उन्होंने दोहराया कि भारत मालदीव की हर संभव सहायता करने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि भारत-मालदीव दोस्ती अमर रहे। दिवेही राज्जे आ इंडियागे राहमेथेरीखन अबदह्।

बाद में जारी दोनों देशों के एक संयुक्त वक्तव्य में कहा गया कि दोनों नेताओं ने आतंकवाद के हर रूप को मानवता के लिए खतरा बताते हुए उसके विरुद्ध दृढ़ रुख अपनाने का संकल्प लिया तथा आतंकवाद, हिंसक उग्रवाद एवं कट्टरवाद से निपटने के लिए एक संयुक्त कार्यबल स्थापित करने पर सहमति व्यक्त की। बैठक में दोनों देशों नेे समुद्री डाकुओं के खतरे, आतंकवाद, संगठित अपराध, नशीले पदार्थों एवं मानवों की तस्करी के मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने पर भी रजामंदी जताई।