बारां। राजस्थान में बारां के मनिहारा धाम शिव काॅलोनी निवासी दो नाबालिग किशोरियों के दुष्कर्म से संबंधित आपराधिक मामले में जयपुर स्थित राजस्थान हाईकोर्ट की एकल पीठ ने स्थानीय मजिस्ट्रेट को पीड़िताओं के बयान पुनः रिकार्ड करने के आदेश दिए हैं।
साथ ही अदालत ने नाबालिगों के यौन शोषण के मामले में पोक्सो एक्ट में दिए गए नियमों के अनुसार ही पीड़िताओं के बयान दर्ज करने के आदेश दिए हैं नहीं तो इन बयानों को सही नहीं माना जाएगा।
गौरतलब है कि वर्तमान मामले में किशोरियों पिता एवं याचिकाकर्ताओं का कहना है कि दोनों पीड़िताओं के बयान उनके माता पिता या अभिभावक की उपस्थिति में दर्ज नहीं किये गये थे, जबकि पोक्सो एक्ट धारा 26 में इसके लिए स्पष्ट प्रावधान है।
इस मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से नियुक्त वरिष्ठ अधिवक्ता कमलेश दुबे ने बताया कि याचिका अधिवक्ता सुनील डागा ने दायर की थी और बहस करने अधिवक्ता अनुराग कलावटिया पेश हुए थे।
अनुराग कलावटिया ने बताया कि नाबालिगाओं का बयान कानूनी रूप से पोक्सो एक्ट की धारा 26 के अनुसार उनके माता-पिता की उपस्थिति में या किसी अभिभावक की उपस्थिति में ही लिया जा सकता, परंतु इस मामले में ऐसा नहीं किया गया।
बहरहाल उच्च न्यायालय ने इस मामले में पुनः बयान रिकार्ड कराए जाने के आदेश दिए हैं और साथ ही सभी मजिस्ट्रेट को आदेश दिए है कि नाबालिगों के साथ यौन शोषण के मामले में पोक्सो एक्ट में स्पष्ट लिखी धारा 26 के प्रावधानों का पालन किया जाए और फिर कार्रवाई की जाए।