मुंबई। आत्मनिर्भर भारत पैकेज से निराश निवेशकों की चौतरफा बिकवाली से आज बीएसई का सेंसेक्स 1068.75 अंक यानी 3.44 प्रतिशत का गोता लगाते हुए करीब छह सप्ताह के निचले स्तर 30,028.98 अंक पर बंद हुआ।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) शुद्ध रूप से बिकवाल रहे। साथ ही कोरोना वायरस के नये मामलों में तेजी आने से घरेलू निवेशकों की धारणा भी कमजोर हुई है। आईटी और टेक को छोड़कर अन्य सभी समूह दबाव में रहे। बैंकिंग तथा वित्तीय क्षेत्र पर सबसे अधिक दबाव रहा। बीएसई में इनके सूचकांक छह फीसदी से अधिक टूटे।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 313.60 अंक अर्थात 3.43 फीसदी लुढ़ककर 8,823.25 अंक पर बंद हुआ। यह दोनों सूचकांकों का 08 अप्रैल के बाद का निचला स्तर है।
मझौली और छोटी कंपनियाँ भी दबाव में रहीं। बीएसई का मिडकैप 3.87 प्रतिशत की गिरावट में 11,055.17 अंक पर और स्मॉलकैप 2.92 फीसदी फिसलकर 10,376.31 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स की कंपनियों में इंडसइंड बैंक के शेयर 10 फीसदी से टूट गये। एचडीएफसी, मारुति सुजुकी, एक्सिस बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट, बजाज ऑटो, आईसीआईसीआई बैंक और बजाज फाइनेंस में सात से आठ प्रतिशत तक की गिरावट रही। टीसीएस के शेयर ढाई प्रतिशत चढ़े।
पिछले सप्ताह 31,097.73 अंक पर बंद होने वाला सेंसेक्स एशियाई बाजारों से मिले सकारात्मक संकेतों के दम पर 150.53 अंक की बढ़त में 31,248.26 अंक पर खुला, लेकिन खुलते ही लाल निशान में चला गया। कुछ ही देर में यह 800 अंक से अधिक टूट गया और फिर पूरे दिन उबर नहीं सका।
बिकवाली का दबाव बढ़ने पर दोपहर बाद यह 30 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे 29,968.45 अंक तक लुढ़क गया था। अंत में गत दिवस की तुलना में 3.44 फीसदी की गिरावट में 30,028.98 अंक पर बंद हुआ। यह 21 अप्रैल के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है।
बीएसई में कुल 2,479 कंपनियों के शेयरों में कारेबार हुआ। इनमें 569 में लिवाली और 1,743 में बिकवाली का जोर रहा जबकि शेष 167 कंपनियों के शेयर दिनभर के उतार-चढ़ाव के बाद अंतत: अपरिवर्तित बंद हुये।
निफ्टी भी 21.45 अंक की तेजी के साथ 9,158.30 अंक पर खुलने के बाद गिरावट में चला गया। बीच कारोबार में 8,806.75 अंक के न्यूनतम स्तर से होता हुआ अंतत: 3.43 प्रतिशत लुढ़ककर 8,823.25 अंक पर बंद हुआ। यह 01 अप्रैल के बाद की इसकी सबसे बड़ी गिरावट है। निफ्टी की 50 कंपनियों में से मात्र छह के शेयर हरे निशान में रहे जबकि शेष 44 में गिरावट रही।
अधिकतर विदेशी बाजार बढ़त में रहे। एशिया में हांगकांग का हैंगसेंग 0.58 प्रतिशत, दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.51 प्रतिशत, जापान का निक्की 0.48 प्रतिशत और चीन का शंघाई कंपोजिट 0.24 प्रतिशत की तेजी में बंद हुआ। यूरोप में शुरुआती कारोबार में जर्मनी का डैक्स 2.75 फीसदी और ब्रिटेन का एफटीएसई 2.24 फीसदी मजबूत हुआ।
सेंसेक्स के समूहों में आईटी की 1.36 फीसदी और टेक की 0.53 फीसदी की बढ़त को छोड़कर अन्य सभी समूहों में बिकवाली हावी रही। बैंकिंग का सूचकांक सर्वाधिक 6.69 प्रतिशत टूट गया। वित्त में 6.39 प्रतिशत, ऑटो में 5.51, रियलिटी में 5.22, पूंजीगत वस्तुओं में 4.80, सीडीजीएंडएस में 4.48, इंडस्ट्रियल्स में 4.40, तेल एवं गैस में 4.34, धातु में 3.97, टिकाऊ उपभोक्ता उत्पाद में 3.58, बुनियादी वस्तुओं में 3.54, बिजली में 3.09, यूटिलिटीज में 2.87, ऊर्जा में 2.20 और दूरसंचार में 2.11 प्रतिशत की गिरावट रही।
सेंसेक्स की कंपनियों में इंडसइंड बैंक के शेयर सबसे अधिक 10.02 प्रतिशत लुढ़क गये। अल्ट्राटेक सीमेंट में 7.59 प्रतिशत, एक्सिस बैंक और एचडीएफसी दोनों में 7.55, आईसीआईसीआई बैंक में 7.44, मारुति सुजुकी में 7.40, बजाज फाइनेंस में 7.02, बजाज ऑटो में 6.97, भारतीय स्टेट बैंक में 6.61, एलएंडटी में 5.87, एचडीएफसी बैंक में 5.83, हीरो मोटोकॉर्प में 5.71 और कोटक महिंद्रा बैंक में 5.47 प्रतिशत की गिरावट रही।
ओएनजीसी के शेयर 4.20 फीसदी, टाइटन के 3.43, पावरग्रिड के 3.41, एशियन पेंट्स के 3.39, भारती एयरटेल के 2.88, टाटा स्टील के 2.56, एनटीपीसी के 2.15, सनफार्मा के 1.75, हिंदुस्तान यूनिलिवर के 1.30, टेक महिंद्रा के 1.28, रिलायंस इंडस्ट्रीज के 1.25, नेस्ले इंडिया के 1.10, महिंद्रा एंड महिंद्रा के 1.07, एचसीएल टेक्नोलॉजीज के 0.04 और आईटीसी के 0.03 प्रतिशत टूट गये। टीसीएस के शेयर 2.72 फीसदी और इंफोसिस के 1.73 फीसदी चढ़े।
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