जयपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने राज्य सरकार पर प्रदेश के लोगों को बेहतर इलाज मुहैया कराने में विफल करार देते हुए कहा है कि विशेषकर ग्रामीण इलाकों में राज्य सरकार स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को भगवान भरोसे छोड़कर आंकड़ों का खेल खेल रही है।
डा पूनियां ने आज अपने बयान में कहा कि प्रदेश के लोगों को बेहतर इलाज मुहैया कराने में विफल सरकार का, क्या ये कोरोना कुप्रंबधन नहीं है, जहां सरकार खुद की विफलताओं को छिपाने के लिए मरीजों व मौतों के नाम पर आंकड़ेबाजी कर रही है, क्या मौतों के आंकड़े छिपाना ही ‘अशोक गहलोत मॉडल’ है, जिसमें ना मरीजों को समय पर इलाज मिल रहा व ना दवाइयां उपलब्ध हो रही, और ना चिरंजीवी योजना के जरिये निजी अस्पताल मरीजों का इलाज कर रहे हैं, इसके अलावा इलाज के नाम पर लोगों से निजी अस्पताल मनमाने दाम ले रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमन्त्री अशोक गहलोत राजस्थान में ना अस्पतालों की दशा सुधार पाये, ना स्टाफ लगाया, एक वर्ष पहले मोदी सरकार द्वारा आवंटित की गई राशि से ना ऑक्सीजन प्लांट लगाए, ना राज्य में बैड और दवा की कालाबाजारी रोक पा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर झूठे आरोप लगाकर प्रदेश में कोरोना कुप्रबंधन को नहीं छुपाया जा सकता। उन्होंने कहा कि मोदी के कुशल नेतृत्व में केन्द्र सरकार मजबूती से कोरोना से मुकाबला कर रही है, देश में लगभग 20 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है, साथ ही तीसरे चरण में 18 से 44 आयु वर्ग के एक करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाया जाना भी एक बड़ी उपलब्धि है।
डॉ. पूनियां ने गहलोत पर राज्य की जनता को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि क्या 50 प्रतिशत वैक्सीनेशन राज्य की जिम्मेदारी नहीं है, चिकित्सा अव्यवस्थाओं के कारण मरीज अस्पताल के दरवाजों पर दम तोड़ रहे हैं, कोरोना प्रबंधन में फेल गहलोत सरकार मौत के भी आंकड़े भी छुपा रही है, क्या यही आपकी ‘जादूगरी’ है, राज्य की जनता आपको कभी माफ़ नहीं करेगी।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बतायें कि राज्य सरकार के ग्लोबल टेंडर का क्या हुआ। अगर टेंडर किये हैं तो अभी तक वैक्सीन क्यों नही आई। दूसरे राज्यों ने समय रहते व्यवस्था कर ली, लेकिन राजस्थान सरकार सोती रही, अब राजस्थान के युवाओं की जिम्मेदारी भी नहीं ले सकते तो क्या सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार बचा क्या है।
डॉ. पूनियां ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा राज्य को भेजी गई वैक्सीन में से लगभग 11 लाख वैक्सीन के डोज खराब हो जाना, इसका दोषी कौन है। केन्द्र द्वारा राज्य को 435 मीट्रिक टन ऑक्सीजन पहुंचाई गई, इसके अलावा ऑक्सीजन एक्सप्रेस के माध्यम से 98 मीट्रिक टन ऑक्सीजन, 4 लाख 78 हजार से अधिक रेमेडिसवर इंजेक्शन, व अन्य इंजेक्शन 4 हजार से अधिक, 1900 वेंटिलेटर्स आदि मदद की गई, इसके बावजूद राज्य का कोरोना प्रबंधन संभालने में पूरी तरह विफल हो चुके गहलोत दिन-रात प्रधानमंत्री मोदी पर तथ्यहीन एवं झूठे आरोप लगाते रहते हैं।
उन्होंने कहा कि जयपुर के आरयूएचएस अस्पताल में ऑक्सीजन व अन्य अव्यवस्थाओं के कारण 400 से अधिक लोगों की इलाज के दौरान मौत होने का दोषी कौन है।