न्यूयॉर्क। भारत ने शुक्रवार को पाकिस्तान को बातचीत शुरू करने के लिए स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि बातचीत शुरू करने के लिए उसे पहले जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और हिंसा के समर्थन वाली नीति को तुरंत रोकना होगा।
सयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बातचीत शुरू करने के लिए पाकिस्तान को पहले आतंकवाद रोकना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कोई भी लोकतांत्रिक देश आतंकवाद के समर्थन वाली नीति को स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने पाकिस्तान को कठघड़े में खड़ा करते हुए कहा कि हम शिमला समझौते पर प्रतिबद्ध है और हम उम्मीद करते है कि पाकिस्तान को भी ऐसा ही करना चाहिए। अकबरूद्दीन ने कहा कि पाकिस्तान की हरकतों से लगता है कि वह समझौते के प्रति प्रतिबद्ध नहीं है।
अकबरूद्दीन ने पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर की मौजूदा स्थिति को भयानक दिखाने की झूठी कोशिश पर तीखा हमला करते हुए कहा कि भारत जम्मू-कश्मीर के बारे में किए गए सभी समझौतों के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि कुछ लोग जम्मू-कश्मीर की स्थिति को भयानक बताने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन यह जमीनी सच्चाई से बेहद दूर है। हमारी चिंता राज्य से जिहाद की सोच को खत्म करना है जो कि देश के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा दे रही है।
उन्होंने कहा कि कश्मीर मामले का समाधान हिंसा का रास्ता अपनाकर नहीं किया जा सकता। हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारी विशेष चिंता यह है कि एक देश फिर से जिहाद की शब्दावली का उपयोग कर रहा है और भारत में अपने नेताओं के जरिये हिंसा को बढ़ावा दे रहा है जबकि यह समस्या का समाधान नहीं है।