रायपुर। छत्तीसगढ़ में 31 जनवरी से शुरू होकर 13 फरवरी तक चलने वाले राजिम कुंभ में रविवार की रात अचानक आंधी-बारिश आने से तबाही मच गई। कई स्टॉल धराशायी हो गए। प्रकृति ने जिस वक्त अपना कोप दिखाया, उस वक्त मेला स्थल पर करीब 15-20 हजार दर्शनार्थी थे। धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने राहत एवं बचाव कार्य के लिए स्वयं मोर्चा संभाला।
मंत्री ने अपने हाथ में पुलिस का वायरेलस सेट लेकर अधिकारियों को जवानों व आम लोगों को सुरक्षित रखने के निर्देश देते रहे। आंधी व बारिश के चलते कई स्टॉल धराशायी हो गए, बिजली भी लंबे समय तक गुल रही। महानदी पर बने पुल भी दोनों ओर के यातायात से जाम हो गया। मंत्री ने स्वयं पहल कर यातायात सुचारु कराया और सभी श्रद्धालुओं के सुरक्षित होने की पुष्टि हो जाने पर ही देर रात को राजधानी लौटे।
मंत्री ने कहा कि लोग घबराएं नहीं, भगवान परीक्षा लेते हैं। राजिम कुंभ में आई आंधी-तूफान से ईश्वर में आस्था और प्रगाढ़ हुई। अग्रवाल ने बताया कि रविवार होने की वजह से रायपुर में कई कार्यक्रम होने थे, जिनमें उन्हें शामिल होना था।
इन्हीं कार्यक्रमों के दौरान जब रायपुर में बारिश के साथ तेज हवाएं चलने लगीं, तो उन्हें राजिम का ध्यान आया। उन्होंने चालक से गाड़ी सीधे राजिम की ओर ले चलने को कहा। देर शाम राजिम पहुंचते ही नजारा कुछ वैसा ही था, जैसा अंदेशा था।
मंत्री ने कहा कि भगवान की कृपा थी कि इतने हवा-तूफान के बाद भी कोई बड़ी दुर्घटना नहीं घटी। सभी श्रद्धालु और संत सुरक्षित रहे। ईश्वर हमारी आस्था की परीक्षा लेते हैं। यह भी हमारी परीक्षा है। चाहे जैसी भी परिस्थितियां बने राजिम कुंभ में होने वाले धर्म-कर्म के आयोजनों में आई हर कठिनाई का हम सामना करेंगे और नियत समय पर सभी आयोजन संपन्न होंगे।
बंद करना पड़ा सांस्कृतिक कार्यक्रम
बारिश से मेला महोत्सव स्थल स्थित मुख्य मंच के सामने पानी भर गया। वहीं लाइट बंद हो जाने की वजह से सांस्कृतिक कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा। दूसरे दिन सुबह सफाई कर्मियों द्वारा महोत्सव स्थल का पानी निकाला गया।
तेज हवा से उड़ गए पंडाल
त्रिवेणी संगम में साधु संतों के लिए बनाए गए डोम व पंडाल में पानी भर गया। आंधी से कई पंडाल उड़ गए। बाहर से आए साधुओं ने किसी तरह खुद को बचाते हुए रात बिताई। उनके कपड़े व बिस्तर भीग गए।
बारिश से हुआ नुकसान
मेला स्थल पर लगाई दुकानदारों को हवा और बारिश से काफी नुकसान हुआ। कई दुकानदारों के सामान भीग गए। च़ूडी दुकान, कपड़ा दुकान, बैग आदि के दुकान में भी पानी घुस गया और उनके सामान भीग गए।