महाशिवरात्रि जो कि एक बहुत ही बड़ा त्यौहार है और हिंदू इसे बहुत ही धूमधाम से बनाते हैं और इस त्योहार पर काफी लोग व्यंजन भी बनाते हैं और लगभग यह कैसा त्योहार जिसमें स्त्री व पुरुष दोनों ही महाशिवरात्रि का व्रत रखने का बीड़ा उठाते हैं महाशिवरात्रि की पिछली कहानी में हमने महाशिवरात्रि का संबंध श्री राम से भी बताया था एरिया अपने यह कहानी नहीं पढ़ी है तो नीचे इस कहानी के लिए एक लिंक दिया हुआ है जहां पर क्लिक करके आप पुरानी कहानी भी पढ़ सकते हैं।
आज हम महाशिवरात्रि को लेकर एक नई कहानी बता रहे हैं जो कि भी काफी प्रचलन में है तो कहानी इस प्रकार से है एक बार ब्रह्मा और विष्णु में किसी प्रकार की बहस छिड़ गई कि सबसे बड़ा भगवान कौन है ब्रह्मा ने कहा मैं सृष्टि करता हूं तो विष्णु कहा कि मैं हर एक मनुष्य की जड़ में निवास करता हूं।
तब होना क्या था उन दोनों के सामने तभी एक स्तंभ सा निकल कर आया तो ब्रह्मा ने कहा कि मैं इस स्तंभ का शुरुआती छोर नाप कर आता हूं कि यह आखिर शुरू कहां से हो रहा है। और विष्णु ने कहा कि मैं इसकी गहराई नाप कर आता हूं, कि आखिर यह है कहां तक।
ब्रह्मा ने और विष्णु ने दोनों ने ही अपने पूरे प्रयास कर लिए लेकिन ना तो ब्रह्मा उस खंबे की ऊंचाई नाप सके और ना ही विष्णु स्तंभ की गहराई दोनों ही आश्चर्य में पड़ गए और उन्होंने हाथ जोड़े और भगवान शिव को याद किया तभी उन्हें समझ आया कि यह सब तो भगवान शिव के लीला थी।
और वह समझ गए कि आखिर सबसे बड़ा कौन है और यह सभी घटना महाशिवरात्रि के समय ही हुई थी इसलिए इस पर्व को भी महाशिवरात्रि के नाम से बनाया जाने लगा और इस पर्व के चलते ही और इस कहानी के चलते ही शिवलिंग को पूजा जाने लगा।
तो यह कहानी आपको कैसी लगी जो कि बहुत ज्यादा प्रचलन में है यदि आप इसके अलावा भी कोई अन्य कहानी महाशिवरात्रि से संबंध रखती हुई जानते हैं तो हमें जरूर बताएं और यदि आपको यह कहानी पसंद आती है तो फेसबुक पेज पर लाइक करें और अपने प्रियजनों को शेयर भी करें इसके अलावा भगवान शिव की पिछली कहानी पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें जहां से आप यह जान पाएंगे कि भगवान शिव का और महाशिवरात्रि का इसमें श्री राम का क्या संबंध है धन्यवाद।