अजमेर। राजस्थान में अजमेर दरगाह शरीफ में फंसे जायरीन एवं श्रमिकों को सोमवार को विशेष रेल से पश्चिम बंगाल के लिए रवाना किया गया।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सुबह छह बजे से ही बंगाल की ओर रवाना किए जाने वाले जायरीन एवं श्रमिकों की स्क्रीनिंग का काम शुरू किया गया और यह विशेष राहत ट्रेन 1188 यात्रियों को लेकर पश्चिम बंगाल के लिए रवाना हो गई। ट्रेन से पश्चिम बंगाल जाने वाले सभी यात्रियों की स्क्रीनिंग के साथ साथ फूड पैकेट एवं पानी की बोतल की भी व्यवस्था की गई।
खास बात यह है कि इन जायरीनों एवं श्रमिकों से कोई यात्रा शुल्क नहीं लिया गया। सूत्र बताते हैं कि दरगाह कमेटी तथा उससे जुड़ी संस्थाओं तथा अन्य भामाशाहों की मदद से आठ लाख रुपए का रेलवे को भुगतान किया गया। उसके बाद राजस्थान सरकार और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच सहमति बनने के बाद राहत ट्रेन की रवानगी संभव हो सकी।
रेलवे स्टेशन पर अजमेर के प्रभारी सचिव भवानी सिंह देथा, कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा तथा पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप सिंह भी मौजूद रहे। इन अधिकारियों ने मौके पर रहकर व्यवस्थाओं को अंजाम दिलाया।
उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले भी ट्रेन रवानगी की सूचना पर गफलत की स्थिति उस समय बन गई जब बंगाल की दिशा में जाने वाले फंसे जायरीन सड़कों पर निकल आए। प्रशासन ने बड़ी मुश्किल से समझाइश के साथ उन्हें वापस अपने ठहराव पर भेजा और आज पूरी व्यवस्था के बीच ट्रेन को रवाना किया गया। ट्रेन से जाने वाले यात्रियों के चेहरे पर व्यापक खुशी देखी गई।
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