बीकानेर। गंगानगर जिले के लालगढ़जाटान थाना क्षेत्र में जादू के करतब दिखाने के लिए 72 घंटे के लिये खड्डे में उतरे नरेश की मौत होने का मामला प्रकाश में आया है।
पुलिस उपाधीक्षक (ग्रामीण) दिनेश मीणा ने बताया कि क्षेत्र के गणेशगढ़ गांव में गुरुवार सुबह एक किसान रणधीर सिंह रामगढ़िया पुत्र जगजीत के साथ खेत में नरमा की गुड़ाई के लिए गया था कि खेत से लगते कब्रिस्तान में उन्होंने खाली जगह पर खुदी हुई ताजा मिट्टी देखी। शंका होने पर उन्होंने मिट्टी हटाई तो करीब डेढ़ फुट की गहराई में उसे हाथ दिखाई दिया। इस पर उन्होंने अन्य ग्रामीणों को मौके पर बुला लिया।
इत्तिला मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। जमीन की खुदाई करने पर वहां एक युवक का शव मिला। मीणा ने बताया कि वहां पर मिले पद चिन्हों के आधार पर पुलिस कुछ ही दूरी पर आंगनबाड़ी केंद्र पहुंची तब जाकर इस मामले का खुलासा हो पाया।
उन्होंने बताया कि मृतक युवक की पहचान सिद्धू कॉलोनी के नरेश कुमार धानका (22) के रूप में हुई। उसे दफनाने वाले हरियाणा के राधेश्याम को पुलिस ने हिरासत में ले लिया जबकि उसके साथी राहुल की तलाश की जा रही है।
उन्होंने बताया कि पुलिस पूछताछ में राधेश्याम से मिली जानकारी के अनुसार 19 जून को नरेश, राहुल और राधेश्याम गणेशगढ़ में जादू के करतब दिखाने के लिये साइकिल से आंगनबाड़ी आये थे। वहां राहुल को लगातार सात दिन साइकिल चलानी थी और साइकिल पर ही नहाना धोना एवं खाना खाने तथा अन्य करतब दिखाना था।
राधेश्याम उद्घोषक बना जबकि नरेश को गड्ढा खोदकर उसमें 72 घंटे तक उसमें रहकर जिंदा निकलने का करतब दिखाना था। एक मोबाइल और पानी की बोतल देकर उसे गड्ढे में उतार दिया गया और ऊपर लकड़ी के फट्टे डालकर उसे मिट्टी से ढंकने से पहले आक्सीजन लेने के लिए छोटा सी खुली जगह छोड़ दी गई।
पहली रात सब ठीक रहा। सुबह जल्दी ही नरेश को मोबाइल से फोन कर उसे खड्डे से बाहर निकाल लिया गया और घर से खाना खाकर लोगों के वहां आने से पहले ही वह खड्ढे में उतर गया।
लेकिन उसके साथियों की गलती से मिट्टी डालते समय आॅक्सीजन लेने वाली जगह बंद हो गई। जिससे नरेश का दम घुटने से कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गई। रात में दस बजे बाद उसके साथियों ने मिट्टी हटाई तो नरेश मृत मिला। इससे उसके साथी घबरा गए और उन्होंने नरेश का शव कब्रिस्तान में दफना दिया और फरार हो गए।