अजमेर। स्मार्ट सिटी अजमेर का सुभाष गार्डन भी स्मार्ट हो गया है। बीते करीब एक साल की तैयारियों के बाद 8 अक्टूबर को सुभाष उद्यान आमजन के लिए खोल दिया गया है। शहर के बीचोंबीच स्थित इस गार्डन में हृदय तथा अमृत योजना के माध्यम से कल्चरल पार्क भी विकसित किया गया है।
आना सागर झील के किनारे दौलत बाग सम्राट जहांगीर ने बनवाया था। आजादी के बाद इसका नाम सुभाष बाग कर दिया गया। शहरवासियों को उद्यान में टॉय ट्रेन, बोट, साइकिल ट्रैक सहित अन्य सुविधा भी मुहैया कराई गई है।
करीब डेढ़ साल पहले नगर निगम ने सुभाष उद्यान को ह्रदय योजना के सौंदर्यीकरण कराने का फैसला किया था। इसमें करीब 14 करोड़ रुपए की राशि खर्च हुई है। इसमें भारत सरकार ने 12 तथा राज्य सरकार ने डेढ़ करोड़ की राशि ह्रदय योजना के तहत स्वीकृत की थी। उद्यान में लगे फव्वारे तथा लाइटिंग की आभा देखते ही बनती है।
उद्यान में साढ़े 13 एकड़ में घास लगाई हैं। इस घास पर चलते समय ऐसा लगता है मानो कालीन पर चल रहे हैं। वहीं पेड़ पौधे भी दिल्ली, मुम्बई, हरियाणा व कोलकाता से मंगवाए लगवाए गए हैं।
इन पौधों की वजह से पूरे उद्यान में हरियाली नजर आ रही है। बगीचों की सुंदरता के लिए हेरिटेज लाइटें लगवाई गई हैं, जो कि रात में आकर्षक लगती हैं। गार्डन के बीच बने शिवमंदिर के दर्शन को आने वाले दर्शनार्थियों के बैठने विशेष व्यवस्था की गई है।
बच्चों के मनोरंजन के लिए उद्यान में बनाए गए कुंड को दो सौ मीटर लंबा व 15 मीटर चौड़ा बनाया गया है जहां पर पैडल बोट का आनंद लिया जा सकता है। इसे अलावा एक ट्राय ट्रेन भी संचालित की जा रही है।
सुभाष उद्यान में 900 सौ मीटर लंबे तीन ट्रैक बनाए गए हैं। इसमें एक ट्रैक पर साइकिलिंग, दूसरा पाथ वे तथा तीसरा जॉगिंग ट्रैक है, जहां पर सुबह व शाम को लोग रनिंग कर सकेंगे। तीनों ट्रैक से कोई इधर से उधर नहीं जा सके इसके लिए बीच में रेलिंग लगाई गई है।
इसके अलावा बीच में ओपन जिम भी बनाई गई है। सुभाष उद्यान में योगा करने वालों का भी निगम ने ध्यान रखा है। यहां पर योगा पार्क में अलग अलग मुद्रा में बैठे योगाभ्यास करते हुए 12 लोगों की मूर्तियां भी लगाई गई है जो लोगों को योग के लिए प्रेरित करतीं हैं।