नयी दिल्ली । देश में आभासी मुद्रा (क्रिप्टोकरेंसी) के विनियमन को लेकर अंतिम रिपोर्ट तैयार हो चुकी है और शीघ्र ही वित्त मंत्री को यह रिपोर्ट सौंपी जायेगी जबकि इकाॅनोमिक कैपिटल फ्रेमवर्क (ईसीएफ) पर विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट अब तक तैयार नहीं हुयी है।
वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने यहां एक कार्यक्रम में यह जानकारी देते हुये कहा कि ईसीएफ पर अभी रिपोर्ट तैयार नहीं हुयी है। समिति अभी चर्चा कर रही है और रिपाेर्ट सौंपने के लिए उनके पास अभी तीन महीने शेष है। समिति की अगली बैठक 13 जून को है। आभासी के विनियमन के लिए सरकार ने पिछले वर्ष गर्ग की अध्यक्षता में एक समिति बनायी थी। इसके साथ ही रिजर्व बैंक में पर्याप्त पूंजी उपलब्धता की सीमा निर्धारित करने के उद्देश्य से सरकार ने केन्द्रीय बैंक के पूर्व गवर्नर बिमल जलान की अध्यक्षता में एक समिति बनायी गयी थी।
वित्त सचिव ने कहा कि डिजिटल भुगतान में प्रौद्योगिकी बड़ी तेजी से आगे आयी है और भुगतान के अलावा कई अन्य सेवायें भी दी जा रही है लेकिन जब विनियमन का मुद्दा आता है तो बहुत सावधानी बरतने की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि सरकार और नियामक इस तरह के नये विचारों, उत्पादों और प्रौद्योगिकियों को लेकर बहुत उत्साहित है और यदि इनको लेकर तंत्र में किसी तरह की कोई परेशानी या कठिनाई आ रही हो तो सरकार या नियामक के ध्यान में लाया जाना चाहिए ताकि उसका समाधान किया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि सरकार अच्छी सेवायें प्रदान करने वाली सभी संभावनाओं के परीक्षण को लेकर तैयार है। सिर्फ डाटा को लेकर कुछ समस्यायें है जो डाटा की उपलब्धता पर आधारित है। डाटा उपयोग, गोपनीयता और गंभीर वित्तीय सूचनाओं को लेकर चर्चायें चल रही है जो सही दिशा में अागे भी बढ़ रही है।