नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी नेता सुब्रमण्यम् स्वामी ने आज वित्त मंत्री अरुण जेटली पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि भगोड़ा शराब कारोबारी विजय माल्या ने देश छोड़ने से पहले जेटली को बताया था कि वह लंदन जा रहा है तथा उसे भागने में वित्त मंत्रालय के किसी ताकतवर शख्स ने मदद की थी।
स्वामी ने ट्विटर पर लिखा कि मुझे सूत्रों से जानकारी मिली है कि वित्त मंत्रालय में से किसी के आदेश पर माल्या के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा जारी लुकआउट नोटिस में 24 अक्टूबर 2015 को बदलाव कर ‘जाने से रोको’ की जगह ‘जाने पर सूचित करो’ किया गया था। सवाल है कि वह कौन था।
उन्होंने कहा कि इस तथ्य को नकारा नहीं जा सकता कि माल्या ने वित्त मंत्री को बताया था कि वह लंदन जा रहा है। उन्होंने लिखा कि दो तथ्यों से इनकार नहीं किया जा सकता। पहला यह कि 24 अक्टूबर 2015 को लुकआउट नोटिस को कमजोर किया गया जिससे माल्या 54 चेक्डइन बैगेज के साथ भाग सका। दूसरा यह कि माल्या ने वित्त मंत्री को संसद के केंद्रीय कक्ष में यह बताया था कि वह लंदन जा रहा है।
माल्या ने बुधवार को लंदन की एक अदालत में उसके प्रत्यर्पण पर सुनवाई से पहले दावा किया था कि वह भारत छोड़ने से पहले वित्त मंत्री से मिला था और उसके ऊपर बैंकों का बकाया ऋण निपटाने की पेशकश की थी। इसके बाद जेटली ने स्वीकार किया कि माल्या उनसे मिला था, लेकिन दावा किया था कि उन्होंने माल्या की कोई बात नहीं सुनी और सिर्फ इतना कहा कि वह उनसे बात करने की बजाय जाकर ऋणदाता बैंकों से बात करे।
इस मामले पर गुरुवार को भी राजनीति तेज रही। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल तथा भाजपा के अन्य नेता जहां जेटली और सरकार का बचाव करते रहे, वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने वित्त मंत्री पर माल्या से मिलीभगत कर उसे भागने में मदद करने का आरोप लगाया और उनके त्यागपत्र की मांग की।