पिछले चार दिनाें से मुंबई के गोरेगांव स्थित आरे कॉलोनी में पेड़ों की हो रही कटाई पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए तत्काल प्रभाव से पेड़ काटने पर रोक लगा दी है । सर्वोच्च अदालत ने कहा कि अभी जितने पेड़ कट गए तो ठीक, लेकिन आगे पेड़ नहीं कटेंगे । पिछले एक हफ्ते से इस मामले पर मुंबई की सड़कों पर प्रदर्शन हो रहा है, कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार भी किया गया था । मुंबई में मेट्रो कार शेड बनाने के लिए आरे कॉलोनी में शुक्रवार रात से ही पेड़ काटे जा रहे थे । 2500 से अधिक पेड़ों की कटाई के मुद्दे पर आज सुप्रीम कोर्ट की विशेष पीठ ने सुनवाई की । सुप्रीम कोर्ट ने पेड़ों की कटाई पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है ।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, अब कुछ भी न काटें, साथ ही न्यायालय ने कहा कि इस पूरे मामले की समीक्षा करनी होगी । सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हमने सबको सुना । आरे मिल्क कॉलोनी पहले अनक्लासिफाइड फारेस्ट था, बाद में उसे ट्रांसफर किया गया । सॉलिसिटर जनरल ने कहा है कि अब कोई पेड़ नहीं काटा जाएगा । पेड़ काटे जाने का विरोध कर रहे लोगों की गिरफ्तारी पर महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि आरे में पेड़ों की कटाई के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किए गए सभी लोगों को रिहा कर दिया जाए ।
पेड़ काटने को लेकर भाजपा और शिवसेना में पड़ गई थी दरार
मुंबई के गोरेगांव में आरे कॉलोनी में पेड़ काटने को लेकर भाजपा और शिवसेना में दरार पड़ गई थी । दोनों पार्टियों की ओर से जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे थे । महाराष्ट्र में इस समय विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, भाजपा और शिवसेना गठबंधन कर एक साथ चुनाव लड़ रही हैं । पेड़ कटाई को रोकने के लिए मुंबई वासियों के साथ तमाम जानी मानी हस्तियां भी इसका विरोध कर रही थी, जिसका शिवसेना ने समर्थन किया था । अब जबकि सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई के आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई पर रोक लगाने पर मुंबई वासियों में खुशी की लहर दौड़ गई है ।
शंभूनाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार
उत्तराखंड के चिपको आंदोलन की तर्ज पर मुंबई में हो रहा प्रदर्शन