अजमेर। राजस्थान में अजमेर स्थित विश्व प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती का 807वां सालाना उर्स चांद दिखने पर दो या तीन मार्च से शुरू होगा।
दरगाह नाजिम शकील अहमद ने आज बताया कि उर्स 17 या 18 मार्च तक भरेगा। जिसमें देश विदेश के लाखों जायरीन शिरकत करेंगे। गरीब नवाज का हर वर्ष भरने वाला सालाना उर्स इस बार भी शानौ शौकत से भरेगा।
भीलवाड़ा का गोरी परिवार झंडे की रस्म अदा करेगा। उसके बाद छह दिवसीय उर्स की धार्मिक रस्में शुरू हो जाएगी, लेकिन उर्स में आने वाले जायरीनों का पहले से और कूल की रस्म के बाद तक आने का सिलसिला जारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि एक पखवाड़े के इस दरमियान तीन जुम्मे पड़ने से तीन बार जुम्मे की नमाज अदा की जाएगी और गत वर्ष की तुलना में इस बार ज्यादा जायरीनों के आने की संभावना है। इसके मद्देनजर दरगाह कमेटी दरगाह परिसर तथा कायड़ स्थित जायरीनो की विश्राम स्थली पर उनके ठहरने की व्यापक व्यवस्था करेगी, जिसमें जिला प्रशासन के साथ सभी सरकारी महकमों का सहयोग भी रहेगा।
विश्राम स्थली से जायरीनों को दरगाह शरीफ लाने, साथ ही उर्स के दौरान चलने वाली विशेष रेलगाड़ियों के अजमेर रेलवे स्टेशन सहित मदार एवं इस दौरान उपनगरीय रेलवे स्टेशनों पर भी रोडवेज की अतिरिक्त व्यवस्थाएं कराए जाने के निर्देश जिला कलेक्टर द्वारा दिए गए है।
उन्होंने कहा कि इस बार उर्स में तकरीबन सात से आठ लाख जायरीनों के आने की संभावना है। उधर जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा ने उर्स से जुड़े सभी महकमों को तैयारी करने और समयबद्ध काम पुरा करने के निर्देश दिए हैं।