अजमेर। राजस्थान में अजमेर मेें ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की महाना छठी आज अकीदत के साथ मनाई गई। कोरोना काल के चलते पहली बार जायरीन दरगाह में प्रवेश पा सके और ज्यादातर को सड़कों पर ही छठी में भागीदारी निभानी पड़ी।
खादिमों की संस्था अंजुमन सैय्यद जादगान की ओर से सुबह नौ बजे परम्परागत तरीके से रस्मों का आगाज किया गया। दरगाह स्थित आहाता-ए-नूर में फातहा का कार्यक्रम हुआ।
करीब पौन घंटे तक चले इस धार्मिक रस्म में ख्वाजा साहब की शिक्षाओं का भी बखान किया गया। फातहा के बाद अंजुमन की ओर से मुल्क की खुशहाली, भाईचारे, कौमी एकता के साथ साथ कोरोना मुक्ति के लिए दुआ की गई।
छठी की रस्म में दरगाह के भीतर एवं बाहर जायरीनों और अकीदतमंदों ने बड़ी संख्या में भागीदारी निभाई। दरगाह के निजामगेट से दरगाह बाजार और धानमंडी तक जायरीन नजर आए।
उल्लेखनीय है कि कोरोना लाकडाऊन के बाद यह पहला मौका रहा जब जायरीनों को दरगाह में प्रवेश दिया गया, जिसके चलते छह महीने से वीरान पड़ी दरगाह और दरगाह बाजार आबाद नजर आए।