जकार्ता। इंडोनेशिया के दूसरे सबसे बड़े शहर सुरबया के तीन चर्चों पर आज हुए आत्मघाती हमलों में कम से कम 13 लोगों की मौत हो गयी और कई अन्य घायल हो गए। हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ने ली है।
बीबीसी ने पुलिस प्रमुख टीटो कार्नावियां के हवाले से बताया कि एक परिवार के सदस्यों ने हमले की इन घटनाआें को अंजाम दिया है। एक महिला ने अपने दो बच्चों के साथ एक चर्च में आत्मघाती विस्फोट किया जबकि उसके पति तथा तीन अन्य बच्चों ने दो अन्य चर्चाें को निशाना बनाया।
आज हुअा हमला वर्ष 2005 के बाद से देश में हुए सबसे घातक हमलों में से एक है। इंडोनेशिया की खुफिया एजेंसी के मुताबिक इन हमलों में आईएस से संबद्ध जेम्माह अंशारुत दौलाह (जाद) के हाथ होने का संदेह है।
राष्ट्रपति जोको विडोडो ने एक घटनास्थल के दौरे के बाद इन हमलों को बर्बर बताते हुए कहा कि उन्होंने पुलिस को मामले की जांच करने और साजिशकर्ताओं के नेटवर्क को ध्वस्त करने का आदेश दिया है।
आईएस की ओर से अबतक हुए हमलों में यह सबसे घातक है। इस संगठन ने राजधानी जकार्ता में जनवरी 2016 में हुए कई बम विस्फोटों तथा गोलीबारी में चार लोगों के मारे जाने की घटना की पहली बार जिम्मेदारी ली थी।
वर्ष 2002 में आतंकवादी संगठन अल-कायदा से जुड़े संगठन ने बाली के एक बार तथा नाइट क्लब में बम विस्फोट की दो घटनाओं को अंजाम दिया था जिसमें 200 से अधिक लोग मारे गए थे। काहिरा में अाईएस की अमाक संवाद समिति ने घटना की जिम्मेदारी ली है। समिति ने हालांकि इसको लेकर विस्तार से कोई जानकारी नहीं दी है।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक एक चर्च के बाहर सुरक्षाकर्मी एक महिला और उसके दो बच्चों को राेक कर उनसे पूछताछ कर रही थी। टेलीविजन से प्राप्त तस्वीरों के मुताबिक एक चर्च के प्रवेश द्वार के बाहर क्षतिग्रस्त मोटरसाइकिलों और मलबा बिखरा हुआ दिखाई दिया। पुलिस ने उसके आस-पास की घेराबंदी कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस ने सुरबया शहर के सभी चर्चाें को अस्थायी रूप से बंद करने के आदेश जारी किए हैं। शहर में होने वाले विशाल फूड फेस्टिवल को भी रद्द कर दिया गया है। इंडोनेशिया दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम बहुल देश है और हाल के दिनों में आतंकवाद की समस्या से जूझ रहा है।
इंडोनेशिया ने अमरीका में 2001 में अलकायदा की ओर से किए गए हमलों के बाद आतंकवादी गतिविधियों को काबू करने में सफलता पाई है लेकिन हाल के वर्षों में इस्लामिक स्टेट के बढ़ते हुए प्रभाव के कारण वहां आतंकवादी गतिविधियों में इजाफा हुआ है।
गौरतलब है कि इंडोनेशिया में इससे पहले भी चर्चाें को निशाना बनाकर हमले किए जाते रहे हैं। वर्ष 2000 में क्रिसमस के दौरान हुए हमले में लगभग 20 लोग मारे गए थे।