नयी दिल्ली । केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा आईटी कानून 2000 के तहत वर्ष 2009 में जारी नियम के तहत किसी भी व्यक्ति के कंप्यूटर की जांच के लिए 10 प्रमुख एजेंसियों को दिये गये अधिकार पर गुरूवार को राज्यसभा में सवाल उठाये गये और इस संबंध में जारी परिपत्र को तत्काल वापस लेने की मांग की गयी।
तृणमूल कांग्रेस के सुखेन्दु शेखर राय ने शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुये कहा कि 10 जांच एजेंसियों को दिये गये अधिकार मौलिक अधिकार और गोपनीयता के अधिकार का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2000 में जब आई कानून बना था और वर्ष 2009 में जब इस संबंध में नियम बनाये गये थे तब उच्चतम न्यायालय ने गोपनीयता को मौलिक अधिकार में शामिल नहीं किया था लेेकिन अब यह मौलिक अधिकार है।
उन्होंने कहा कि सरकार इस परिपत्र के माध्यम से गोपनीयता के अधिकार का उल्लंघन कर रही है इसलिए इस संबंध में जारी परिपत्र को वापस लिया जाना चाहिए।