सबगुरु न्यूज। इस माह में सौर मंडल का प्रमुख तारा जिसे ज्योतिष शास्त्र में ग्रह माना जाता है वह अपनी धुरी पर मीन राशि में भ्रमण कर रहे हैं और उनकी बारह राशियों की यात्रा 14 अप्रेल 2018 को समाप्त हो जाएगी तथा पुनः सूर्य नई यात्रा के लिए मेष राशि में प्रवेश कर जाएंगे और इस दिन ही ज्योतिशशास्त्र में सारे विश्व के हर क्षेत्र में भविष्यवाणी की जाती है।
जिस समय सूर्य मेष राशि में प्रवेश कर रहे हैं उस समय की कुंडली में ग्रह की स्थिति देखी जाती है। इस साल 14 अप्रेल 2018 को सूर्य ने सुबह 8 बजकर कर 13 मिनट पर मेष राशि में प्रवेश किया। प्रवेश काल में लग्न वृष राशि रहा। यहीं कुंडली जगत लग्न व वर्ष प्रवेश लग्न कहलाता है। इसी के आधार पर विश्व के देशों की हर क्षेत्रों की स्थिति की जानकारी मिलती है।
वृष लग्न की कुंडली में लग्नेश शुक्र सुखेश सूर्य दोनों व्यय के स्थान में बैठकर आरोग्य की स्थिति राजकाज, आतंरिक व्यव्स्था, राष्ट्र की उन्नति तथा नेताओं की सफलता और खेती बाड़ी, मौसम, भूमि, यातायात के साधन, सार्वजनिक निर्माण कार्य को हानि पहुंचा रही है।
अष्टम भाव में शनि मंगल युद्ध ग्रस्त होकर विश्व के देशों के सम्बन्धों को उलझन, तनाव और विवाद में डाल रही है। शनि भाग्ययेश व करमेश होकर तथा मंगल मारकेश व द्वादशेश होकर राजा, सरकार, बैंक, राजस्व व कर जेल, अस्पताल, आश्रम, दवाखाने, न्याय, धर्म के प्रमुख विज्ञान व मंत्रिमंडल पर राष्ट्र सम्बन्ध विदेशी व्यापार राजनीतिक तथा पुलिस कार्यवाही आदि सभी क्षेत्रों में विषम परिस्थितिया बनेंगी।
दिनों दिन नए प्राकृतिक प्रकोप बढेंगे तथा आपदाओं से हानि के योग बनते हैं। उतर, उत्तर पश्चिम व पश्चिम के देश प्राकृतिक प्रकोप से घिरे रहेंगे तथा उत्तर पूर्व दक्षिण के आस पास के देश इससे प्रभावित होंगे। यह सब वर्ष लग्न अर्थात जगत लग्न के प्रभावों है जिनका असर वर्ष भर होगा।
अप्रेल माह में शनि, मंगल खून खराबा, बंद, घेराबंदी, आन्दोलन, प्रदर्शन, अग्निकांड, विस्फोट, आगजनी, आतंकवाद, बमबारी, भूकंप, भूसखलन व भारी वर्षा का योग बना रहे हैं। रेल सड़क वायु यातायात दुर्घटना तथा समुद्री तूफान से जन धन की हानि के योग बने हुए हैं। सूर्य की मेष संक्रांति राजनेताओ के लिए शुभ नहीं है।
अमरीका, दक्षिण अमरीका, न्यूयार्क, रूस, फ्रांस, इंग्लैड, चीन, ईराक, सऊदी अरब, इजराइल, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, तुर्की, सीरिया, जापान आदि देशों में व राज्यों में राजनीतिक तथा प्राकृतिक संकट आ सकते है। ऐसी मान्यता ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों की देखी जातीं हैं। वास्तव में क्या होगा ये परमात्मा ही जाने।
सौजन्य : भंवरलाल