नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता शशि थरुर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में दिल्ली पुलिस ने सोमवार को चार साल के बाद पटियाला हाउस अदालत में 3000 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया, पुलिस ने थरुर को आरोपी के रूप में बुलाने के लिए अदालत से सम्मन जारी करने का आग्रह किया है।
मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट धर्मेंद्र सिंह की अदालत में भारतीय दंड संहित की धारा 306 और 498ए के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया है। इस मामले में अगली सुनवाई 24 मई को होगी। आरोप पत्र में धारा 306 के तहत थरुर पर सुनंदा को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया है। आरोपपत्र में पूर्व मंत्री एक मात्र आरोपी हैं।
सुनंदा पुष्कर 17 जनवरी 2014 को लीला होटल के कमरा नंबर 345 में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाई गई थीं। मौत को पहले आत्महत्या बताया गया था, किंतु विसरा रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने प्राथमिकी में अज्ञात के खिलाफ धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले की जांच के लिए विशेष कार्यबल भी गठित किया गया था।
आरोप पत्र दाखिल किए जाने के बाद थरुर ने ट्वीट कर इसे गलत बताया और कहा कि वह इसके खिलाफ लड़ेंगे। उन्होंने दो ट्वीट कर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि जो कोई भी सुनंदा को जानता था उसे यह बात पता है कि केवल मेरे उकसाने से वह आत्महत्या नहीं कर सकती है।
उन्होंने लिखा है कि साढ़े चार साल की जांच के बाद दिल्ली पुलिस का इस निष्कर्ष पर पहुंचना उसकी मंशा पर सवालिया निशान लगाता है। उन्होंने दावा किया कि 17 अक्टूबर को दिल्ली उच्च न्यायालय में जांच अधिकारी ने बयान दिया था कि इस मामले में उन्हें किसी के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं और अब छह माह बाद ये कह रहे हैं कि मैंने खुदकुशी के लिए उकसाया। यह अविश्वसनीय है।