पिछले कुछ दिनों से देश के कई राज्यों में कोरोना वायरस के मामले तेजी के साथ बढ़ रहे हैं।
लॉक डाउन और हॉटस्पॉट के बावजूद भी संक्रमितों की संख्या में रोक नहीं लग पा रही है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि इन क्षेत्रों में जो लोग अपनी जरूरी सेवाएं दे रहे हैं, अब वही इस महामारी को फैलाने के जिम्मेदार माने जा रहे हैं। हम बात कर रहे हैं, सुपर स्प्रेडर्स की। ये ऐसे लोग होते हैं जो बीमारी को ज्यादा लोगों तक पहुंचा सकते हैं। ये सब्जी वाले, किराना स्टोर वाले, दूध वाले, पेट्रोल पंप कर्मी या कूड़ा जमा करने वाले हो सकते हैं। इनका काम ऐसा होता है कि इनके संक्रमित होने और इनके द्वारा दूसरों तक संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा होता है।
सुपर स्प्रेडर वो होता है, जिसमें एक व्यक्ति की वजह से कोरोना वायरस अधिक लोगों में फैलने का डर रहता है। यानी अगर कोई व्यक्ति जो कोरोना वायरस पॉजिटिव है और उसके संपर्क में दर्जनों-सैकड़ों लोग आए हैं तो उसे सुपर स्प्रेडर माना जानाता है। देश की राजधानी दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, जयपुर और उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में ऐसे मामले बहुत देखे जा रहे हैं। अभी तक ऐसे लोगों को शासन पशासन रोकने में कामयाब नहीं हो सका है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर सुपर स्प्रेडर की अगर रोक लगाई जाती है तो लोगों को बहुत सी रोजमर्रा की जरूरत ही सामानों में भी असुविधा होगी।
ऐसे लोगों की पहचान बहुत देर में हो पाती है
सुपर स्प्रेडर की पहचान करना सबसे बड़ी चुनौती बन गया है। चाहे प्रशासन हो या गली मोहल्ले और कॉलोनियों में रहने वाले लोग इन लोगों को आसानी से पहचान नहीं पाते हैं। जब तक इनकी पहचान होती है तब तक यह लोग कई लोगों को संक्रमित कर चुके होते हैं। आवश्यक सामान की आपूर्ति करने वालों ने अपने-अपने शहरों में कई लोगों को संक्रमित किया है, जिससे स्थानीय स्तर पर कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं। इन लोगों का सामान की आपूर्ति के दौरान अन्य लोगों के संपर्क में आना एक आम बात है। तो ऐसे में इनकी पहचान कर पाना अधिकारियों के लिए काफी बड़ी चुनौती साबित होता है।
ज्यादातर मामलों में सुपर स्प्रेडर्स की पहचान तब हुई, जब उन स्थानों से बड़ी संख्या में कोविड-19 के मामले सामने आए, जहां ये गए थे। देश में कुछ ऐसे लोग भी कोरोना से संक्रमित पाए गए, जिन्होंने कभी विदेश की यात्रा नहीं की थी। इनमें जरूरी सेवाओं की आपूर्ति करने वाले लोग भी शामिल हैं। हैरानी की बात ये है कि कई स्थानों पर एक सुपर स्प्रेडर ने ही बड़ी संख्या में लोगों को कोरोना से संक्रमित कर दिया, जिसके बाद वो संबंधित स्थान हॉटस्पॉट बन गया।
अहमदाबाद-जयपुर और आगरा में बढ़ रही है चिंता
गुजरात की राजधानी अहमदाबाद, राजस्थान का जयपुर और उत्तर प्रदेश के आगरा में इस महामारी में अगर हालात बिगड़े हैं तो इसके बहुत हद तक जिम्मेदार सुपर स्प्रेडर्स ही माने जा रहे हैं। अहमदाबाद में अब तक कुल 343 सुपर स्प्रेडर कोरोना वायरस से पॉजिटिव पाए जा चुके हैं, जो कि एक बड़ी चिंता का विषय है। 20 अप्रैल से लेकर अब तक अहमदाबाद में 343 सुपर स्प्रेडर कोरोना पॉजिटिव निकले, जिसमें दूधवाला, सब्जी वाला, किराना की दुकान समेत जरूरी सामान बेचने वाले दुकानदार शामिल हैं। इन आंकड़ों ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि इनके संपर्क में जितने लोग आए होंगे उन सभी को क्वारनटीन करना एक चुनौती बन गया है। जयपुर में अब तक 39 सुपर स्प्रेडर्स संक्रमित सुपर स्प्रेडर्स की रैंडम सैंपलिंग के बाद इनके कोरोना पॉजिटिव मिलने का सिलसिला लगातार जारी है।
अब इनकी संख्या 39 पहुंच गई है। इनमें 27 सब्जीवाले, 11 अन्य दुकानदार शामिल हैं। यही नहीं डेयरी संचालक भी संक्रमित पाया गया है। अगर हम उत्तर प्रदेश केे आगरा की बात करेंं तो इस महामारी पर लगाम न लग पाने में सुपर स्प्रेडर माने जा रहेे हैं। अब शासन-प्रशासन को ऐसे लोगों को भी ध्यान रखना होगा साथ ही लोगों को भी ऐसे लोगों से सामान खरीदते समय विशेष सावधानी बरतनी होगी नहीं यह महामारी देश के लिए और परेशानी बढ़ा सकती है।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार