नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, वायु सेना और ब्रह्मोस ने सुपरसाेनिक ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल का आज जमीन और हवा से अलग-अलग सफल परीक्षण किया।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार पहला परीक्षण जमीन पर स्थित मोबाइल लांचर से किया गया। इस लांचर के मिसाइल एयरफ्रेम, ईंधन प्रबंधन सिस्टरम और सीकर सहित ज्यादातर उपकरण देश में ही बनाए गए थे।
दूसरा परीक्षण वायु सेना ने अपने लड़ाकू विमानों के बेड़े के प्रमुख विमान सुखोई 30 से किया जिसके जरिये समुद्र में स्थित लक्ष्य को भेदा गया। इस परीक्षण से ब्रह्मोस की समुद्र में तैनात युद्धपोत को निशाना बनाने की क्षमता की पुष्टि की गई।
वायु सेना ने गत मई में निकोबार द्वीप समूह में जमीन पर स्थित लक्ष्य को भेदने में सफलता हासिल की थी। डीआरडीओ के अध्यक्ष डा जी सतीश रेड्डी ने डीआरडीओ, ब्रह्मोस और वायु सेना को इन परीक्षणों की सफलता पर बधाई दी है।
परीक्षण ब्रह्मोस के महानिदेशक डा सुधीर मिश्रा, डीआरडीओ की प्रयोगशाला के निदेशक डा दशरथ राम और एकीकृत परीक्षण रेंज के निदेशक विनय कुमार दास की मौजूदगी में किए गए।